पीएनबी का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ चार गुना बढ़ा, जानिये कितने करोड़ का आंकड़ा किया पार
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में चार गुना होकर 1,255 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। डूबे कर्ज में कमी तथा ब्याज आय बढ़ने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में चार गुना होकर 1,255 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। डूबे कर्ज में कमी तथा ब्याज आय बढ़ने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 308 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में पीएनबी ने कहा कि पहली तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 28,579 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 21,294 करोड़ रुपये थी।
इस दौरान बैंक की ब्याज आय भी बढ़कर 25,145 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 18,757 करोड़ रुपये थी।
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पीएनबी के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गोयल ने कहा कि बैंक का इस तिमाही का लाभ पिछली 12 तिमाहियों में सर्वाधिक है।
गोयल ने नीरव मोदी की कुर्क संपत्तियों से वसूली पर कहा कि बैंक को चालू तिमाही में इनकी बिक्री से 50 से 100 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
पीएनबी की शुद्ध ब्याज आय 26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,504 करोड़ रुपये हो गई। यह बैंक के लिए ब्याज आय का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
जून, 2023 के अंत तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण पर 7.73 प्रतिशत रह गईं। जून, 2022 के अंत तक यह 11.2 प्रतिशत पर थीं।
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इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 4.26 प्रतिशत से घटकर 1.98 प्रतिशत रह गया। एनपीए के मोर्चे पर सुधार से बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान भी अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 4,374 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 4,814 करोड़ रुपये था।
एकीकृत आधार पर तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,342 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 282 करोड़ रुपये रहा था। बैंक के एकीकृत नतीजों में पांच अनुषंगियों और 15 सहायक इकाइयों के परिणाम भी शामिल हैं।
बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी 14.62 प्रतिशत से सुधरकर 15.54 प्रतिशत पर पहुंच गया।