फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मैक्रों के साथ विशिष्ट अतिथि होंगे पीएम मोदी, जानिये समारोह की ये खास बातें

डीएन ब्यूरो

फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पेरिस में शुक्रवार को आयोजित होने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में  विशिष्ट अतिथि होंगे मोदी
फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे मोदी


पेरिस:  फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पेरिस में शुक्रवार को आयोजित होने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।

फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस, फ्रांसीसी चेतना में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल जेल पर हमले की याद दिलाता है। बैस्टिल दिवस परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण है।

भारत का 269 सदस्यीय त्रि-सेवा दल इस परेड में हिस्सा लेगा। इस अवसर पर फ्रांसीसी जेट विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के तीन राफेल लड़ाकू विमान भी फ्लाईपास्ट में शामिल होंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को बैस्टिल दिवस परेड में शिरकत करेंगे, फ्रांसीसी नेशनल असेंबली के अध्यक्ष येल ब्राउन-पिवेट से मिलेंगे और बुद्धिजीवियों एवं व्यवसायियों के साथ बातचीत की एक शृंखला में हिस्सा लेंगे।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मोदी की यह यात्रा भारत-फ्रांस में रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के बीच हो रही है। उन्होंने कहा कि बैस्टिल दिवस समारोह में विदेशी नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाने के उदाहरण बहुत ही कम हैं। आखिरी बार ऐसा 2017 में किया गया था, जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी।

एक अधिकारी ने कहा, “विदेशी परेड दल और विदेशी विमानों का इसमें (राष्ट्रीय दिवस समारोह में) शामिल होना और भी दुर्लभ है।”

एलिसी पैलेस (फ्रांस का राष्ट्रपति आवास) में प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद उनके और मैक्रों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी।

दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। बाद में शाम को, मैक्रों पेरिस के प्रतिष्ठित लौवर संग्रहालय परिसर में मोदी के लिए आयोजित भोज की मेजबानी करेंगे।

नयी दिल्ली में बुधवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा में ‘महत्वपूर्ण पहलू’ शामिल होंगे और यह आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए एक ‘नया मानक’ स्थापित करेगी।

उन्होंने कहा था कि मोदी और मैक्रों रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों, मसलन-सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद विरोधी सहयोग, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन और दोनों देशों की आपूर्ति शृंखलाओं के एकीकरण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे।

विदेश सचिव ने कहा था कि दोनों नेताओं के अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के नये अवसर तलाशने की भी संभावना है।

पेरिस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का जोर मुख्यत: द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के विस्तार पर रहेगा, जिसमें नयी दिल्ली द्वारा फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान के 26 नौसैनिक संस्करण की खरीद के लिए जमीनी कार्य को अंतिम रूप देना और भारत में संयुक्त रूप से विमान इंजन विकसित करने संबंधी करार करना शामिल है।

मोदी-मैक्रों की वार्ता में, रक्षा क्षेत्र में सामने आने वाले विशिष्ट परिणामों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए क्वात्रा ने कहा था कि इस दौरान सैन्य हार्डवेयर के ‘सह-उत्पादन, सह-विकास और सह-डिजाइन’ की दिशा में भागीदारी को आगे बढ़ाने और इसे आत्मनिर्भरता हासिल करने की भारत की प्राथमिकताओं से जोड़ने के तौर-तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र के जैतापुर में 1650 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष नागरिक परमाणु दायित्व, लागत और तकनीकी-वाणिज्यिक मामलों सहित सभी मुद्दों को हल करने के लिए गहन चर्चा में जुटे हुए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) द्वारा उन प्रमुख रक्षा सौदों को हरी झंडी दिए जाने की संभावना है, जिनकी घोषणा मोदी की यात्रा के दौरान हो सकती है।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा था कि मोदी की फ्रांस यात्रा रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के लिए साझेदारी की रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान करेगी।

रक्षा सहयोग पर सूत्रों ने कहा कि दोनों देश इसे और विस्तार देने पर विचार कर रहे हैं।

भारत अपनी वायुसेना के लिए फ्रांस से पहले ही 36 राफेल जेट खरीद चुका है। फ्रांस के साथ एक अन्य महत्वपूर्ण करार के तहत तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का अनुवर्ती ऑर्डर मिलने की संभावना है, जिनका निर्माण भारत में किया जाना तय है।

‘प्रोजेक्ट 75’ के तहत भारत में पहले ही छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बनाई जा चुकी हैं।

फ्रांसीसी पक्ष और उसका भागीदार मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) अब तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के अतिरिक्त ऑर्डर पर विचार कर रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय भविष्य के ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (एएमसीए) सहित देश की अगली पीढ़ी के विमानों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए भारत में लड़ाकू जेट इंजन के संयुक्त विकास के वास्ते फ्रांसीसी रक्षा प्रमुख सफरान के साथ बातचीत कर रहा है।

मोदी 15 जुलाई को अबू धाबी का दौरा करेंगे। इस दौरान वह ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ व्यापक बातचीत करेंगे।










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