पतंजलि आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर के उद्घाटन में बोले बाबा रामदेव- देश को वरदान के रूप में मिले हैं नरेन्द्र मोदी

डीएन संवाददाता

बाबा केदारनाथ के दर्शन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पंतजलि के आयुर्वेदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करने हरिद्वार पहुंचे। यहां पहुंचने पर योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , पतंजलि आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर के उद्घाटन समारोह में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , पतंजलि आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर के उद्घाटन समारोह में


हरिद्वार:  बुधवार को बाबा केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान पहुंचे। वहां पीएम नरेंद्र मोदी पंतजलि के आयुर्वेदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस दौरान बाबा रामदेव और उनके शिष्य आचार्य बालकृष्ण भी वहां मौजूद रहे। बाबा रामदेव ने खुद पीएम को सारी लैब के बारे में जानकारी दी। मोदी ने पूरी लैब का जायजा लिया और बारीकी से वहां होने वाले काम को जाना।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योग गुरु का संकल्प और समर्पण उनकी जड़ी बूटी है। हमने स्वामी रामदेव का समर्पण बहुत करीब से देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि अब भुलाने का वक्त नहीं है, जो श्रेष्ठ है उस पर गौरव करने का वक्त है क्योंकि हमारे पूर्वजों ने आविष्कार में अपना पूरा-पूरा जीवन खपाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया सिर्फ हेल्दी नहीं, अब वेलनेस की मांग कर रही है। वहीं रामदेव ने बताया कि योग के लिए अब हिमालय जाने की जरूरत नहीं है। किचन के बगल में भी योग कर हम स्वस्थ्य रह सकते हैं। 

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इससे पहले हरिद्वार में पीएम मोदी का अभिवादन करते हुए योगगुरु रामदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश का गौरव बढ़ाया है। मोदी देश को वरदान के रूप में मिले हैं। उनका ‘राष्ट्रऋषि’ के रूप में सम्मान होना चाहिए। नरेंद्र मोदी हमेशा राष्ट्रऋषि के रूप में याद किए जाएंगे। 

क्या है पतंजलि आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट: 

पतंजलि के आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट में करीब 200 वैज्ञानिक अलग-अलग जड़ी बूटियों पर रिसर्च होगा।  आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ बाबा रामदेव ने एक हर्बल गार्डन भी तैयार किया है। आपको बता दें कि यह रिसर्च सेंटर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह देश का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर है। 
 










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