Bihar Politics: बिहार की राजनीति में भूचाल, आखिर कैसे टूटा तीन दशक पुराना महागठबंधन? जानिये पूरा सियासी किस्सा

डीएन ब्यूरो

बिहार के सियासी गलियारों से इस समय एक ऐसी बड़ी खबर है, जो आने वाले समय में देश की राजनीति को मोड़ सकती है। यहां राजद-कांग्रेस का तीन दशक पुराना महागठबंध में टूट गया है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में पढ़िये पूरा सियासी किस्सा

राजद-कांग्रेस का छूटा साथ (फाइल फोटो)
राजद-कांग्रेस का छूटा साथ (फाइल फोटो)


पटना: बिहार के सियासी गलियारों से इस समय एक ऐसी बड़ी खबर है, जो आने वाले समय में देश की राजनीति को मोड़ सकती है। बिहार में कांग्रेस और आरजेडी का तीन दशक से चला आ रहा मजबूत महागठबंधन टूटने की खबरें हैं। गठबंधन में टूट के बाद कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी 40 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने  का भी ऐलान कर दिया है।

बिहार में लगभग तीन दशक पुराने राजद-कांग्रेस के महागठबंधन के टूटने की खबर पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास ने भी मुहर लगा दी है। उन्होंने पटना में एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महागठबंधन टूटने का बस अब औपचारिक एलान भर होना बाकी है। कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले 40 सीटों पर पूरी ताकत से लड़ेगी। उन्होंने आरजेडी पर साथ नहीं देने का आरोप लगाया है।

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प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास ने आगे कहा कि आरजेडी से कांग्रेस का अब कोई गठबंधन नहीं है। कांग्रेस बिहार विधानसभा उपचुनाव ही नहीं बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव भी अकेले दम पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि आरजेडी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। 

बिहार में दो विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन इस उपचुनाव से पहले महागठबंध में टूट पड़ गई है। गठबंधन का टूटना आरजेडी के लिए झटका माना जा रहा है।

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