

महराजगंज जनपद के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कई गांवों पंचायत भवन अधर में लटके पड़े हैं। जिसके कारण लोगों को शासन की योजनाओं के लिए ब्लॉक का चक्कर लगाना पड़ता है। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
महराजगंज: गांवों के विकास की पहली सीढ़ी पंचायत भवन मानी जाती है, जहां शासन की योजनाओं और ग्राम के विकास से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे जाते है, जब वही आधा अधूरा पड़ा हो तो गांवों के विकास का भगवान ही मालिक है।
जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक मे ऐसे कई ग्राम सभा मिल जाएंगे जहां अभी तक पंचायत भवन ही सुदृढ़ नहीं हो पाया है। जिससे गांव के लोगों को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे किसान सम्मान निधि, परिवार रजिस्टर नकल, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, पेंशन व अन्य दस्तावेज जिसे शासन का आदेश है कि ग्रामसभा के पंचायत भवन पर ही मिल जाए। जब पंचायत भवन ही नहीं रहेगा तो इन दस्तावेजों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक का चक्कर लगाना पड़ता है।
लक्ष्मीपुर ब्लॉक में ऐसे कई ग्राम सभा मिल जाएंगे जहां या तो पंचायत भवन अधूरा है या खण्डहर में तब्दील हो गया है। ब्लॉक के कोनघुसरी गाँव का पंचायत भवन सिर्फ दीवाल चलाकर छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों को तमाम प्रमाणपत्रों के लिए ब्लॉक का चक्कर लगाना पड़ता है। गांव के पंचायत सहायक कहा बैठकर काम करते है किसी को कुछ नहीं मालूम।
ऐसे ही ब्लॉक के ADO जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे सेक्रेटरी प्रमोद यादव के खुद के गांव का बुरा हाल है। इनके गांव बरगदवा मधुबनी का पंचायत भवन खंडहर मे तब्दील हो गया है। सामुदायिक शौचालय अपूर्ण स्थिति में है। ऐसे ही इनके गांव पैसिया का भी पंचायत भवन अभी आधा अधूरा है।
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