विधानसभा परिसर के अंदर टीवी कार्यक्रम की शूटिंग किये जाने की उमर ने निंदा की
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर विधानसभा परिसर के भीतर टीवी सीरीज की शूटिंग की अनुमति दिये जाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की आलोचना करते हुये इसे ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया । पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर विधानसभा परिसर के भीतर टीवी सीरीज की शूटिंग की अनुमति दिये जाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की आलोचना करते हुये इसे ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक हुमा कुरेशी अभिनीत हिंदी टीवी सीरीज ‘महारानी’ की शूटिंग पिछले साल जून में जम्मू में विधानसभा परिसर के भीतर हुयी थी। यह सीरीज 1990 के दशक में बिहार में हुए राजनीतिक बदलावों पर आधारित है जब कुख्यात चारा घोटाले में फंसने के बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अपना उत्तराधिकारी बनाया था।
पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लोकतंत्र की जननी' का असली चेहरा, जहां एक समय सभी दलों, धर्मों, पृष्ठभूमियों और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों से चुने गए जनप्रतिनिधि बड़े महत्व के मामलों पर कानून बनाते थे, अब अभिनेता और कलाकार इसे टीवी नाटकों के सेट के रूप में उपयोग कर रहे हैं ।’’
उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि जम्मू-कश्मीर की भाजपा संचालित सरकार ने लोकतंत्र के इस प्रतीक को, जहां वे कभी बैठते थे और शासन करते थे, इस दुखद स्थिति में पहुंचा दिया है।
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उन्होंने लिखा कि उनके पास एक नकली मुख्यमंत्री भी है जिसने उस कार्यालय का उपयोग किया जहां मुझे छह साल तक कार्य करने का विशेषाधिकार मिला था। यह कितनी बड़ी शर्म की बात है ।
राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 20 दिसंबर, 2018 को भंग कर दिया था । 20 जून, 2018 को पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में 25 सदस्यीय भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई थी।
राज्यपाल नियुक्त करने से पहले विधानसभा को 19 दिसंबर, 2018 तक निलंबित रखा गया था क्योंकि तत्कालीन राज्य में राजनीतिक संकट में पैदा हो गया था।
जम्मू-कश्मीर में उसके बाद से कोई विधानसभा चुनाव नहीं हुआ है । राज्य को पांच अगस्त 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख - में विभाजित कर दिया गया था । केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को भी रद्द कर दिया, जो प्रदेश को विशेष दर्जा देता था।
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लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है ।