‘नॉर्थ-ईस्ट एमपी फोरम’ ने मणिपुर में शांति की अपील की

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के सांसदों के एक संगठन ‘द नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम’ (एनईएमपीएफ) ने बुधवार को मणिपुर के सभी लोगों से किसी भी प्रकार के बल प्रयोग या हिंसा से बचने की अपील की और कहा कि वह प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था बहाली के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 10 May 2023, 5:43 PM IST
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नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के सांसदों के एक संगठन ‘द नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम’ (एनईएमपीएफ) ने बुधवार को मणिपुर के सभी लोगों से किसी भी प्रकार के बल प्रयोग या हिंसा से बचने की अपील की और कहा कि वह प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था बहाली के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, एनईएमपीएफ के अध्यक्ष किरेन रीजीजू ने एक बयान में समाज के सभी लोगों से इस मुश्किल वक्त में साथ आने और समाज में शांति तथा सौहार्द स्थापित करने की दिशा में काम करने की अपील की।

एनईएमपीएफ ने कहा, ‘‘मणिपुर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति एनईएमपीएफ की ओर से हम बहुत दुख के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।’’

बयान के अनुसार, ‘‘जान-माल की क्षति से हुआ दुख खत्म नहीं हो सकता है और इस तकलीफदेह घटना से प्रभावित लोगों के लिए हमारा दिल दुखता है।’’

फोरम ने कहा कि वह समझ सकता है कि लोग भावनात्मक आवेग में हैं और हिंसा का रास्ता अपना सकते हैं।

बयान के अनुसार, ‘‘लेकिन, हम समुदाय के प्रत्येक सदस्य से किसी भी प्रकार के बल प्रयोग या हिंसा के उपयोग से बचने की सलाह देते हैं। ऐसा कुछ करने से (बल प्रयोग या हिंसा) हालात और बिगड़ेंगे तथा निर्दोष लोगों को तकलीफ पहुंचेगी।’’

एनईएमपीएफ ने कहा कि उसका मानना है कि प्रत्येक जीवन अनमोल है और वह प्रभावित क्षेत्रों में शांति और व्यवस्था बहाली के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। फोरम ने कहा कि उसे ज्ञात है कि जनता के सहयोग के बगैर सभी प्रयास अधूरे रहेंगे।

बयान के अनुसार, ‘‘इसलिए, हम समाज के सभी सदस्यों से अपील करते हैं कि वे शांति और व्यवस्था बहाली की दिशा में हमारे प्रयास का साथ दें। हम समझ रहे हैं कि स्थिति चुनौतीपूर्ण है और लोग मौलिक जरूरतें पूरी करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। कृपया आश्वस्त रहें कि हम प्रभावित क्षेत्रों में मौलिक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।’’

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