निक्की हेली: भारत की पहली महिला जज होती मेरी मां, लेकिन महिला होने के कारण नहीं दी गई तवज्जो

अमेरिका की नई एम्‍बेसडर निक्‍की हेली ने भारत को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि एक औरत होने की वजह से उनकी मां को भारत में जज नहीं बनाया गया।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 March 2017, 5:16 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने खुलासा करते हुए बताया कि भारत में उनकी मां को महिला होने की वजह से जजों की बेंच में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा मेरी मां जज बनने के काबिल थी लेकिन महिला होने की वजह से कभी बेंच में जगह नहीं दी गई।

उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका की एंबेसडर चुने जाने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'अगर मेरी मां जज बनती तो वह भारत की पहली महिला जजों में से एक होती।'

निक्की ने कहा, 'जब भारत में ज्यादा लोग शिक्षित नहीं हुआ करते थे, तब मेरी मां लॉ स्कूल गईं। उन्हें भारत की पहली महिला न्यायाधीशों में शामिल होने के लिए वास्तव में चुना गया था लेकिन तब महिलाओं की स्थिति के कारण उन्हें पीठ में जगह नहीं दी गई। उनके लिए यह देखना शानदार रहा होगा कि उनकी बेटी दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत बनीं।'

गौरतलब है कि निक्की के पिता का नाम अजीत सिंह रंधावा और मां का नाम राज कौर रंधावा है। जो पहले भारत से कनाडा आकर बसे। लेकिन बाद में 1960 के दौरान अमेरिका शिफ्ट हो गये।

निक्की हेली पहले अमेरिकी गवर्नर भी रह चुकी हैं। अमेरिका में पिछले साल हुए चुनाव के दौरान हेली ने डोनाल्ड ट्रंप का विरोध किया था। इसके बावजूद ट्रंप ने इन्हें संयुक्त राष्ट्र में एंबेसडर की जिम्मेदारी सौंपी है।

No related posts found.