जानिए देश के सभी उपराष्ट्रपतियों के बारे में..

डीएन ब्यूरो

देश को नया राष्ट्रपति मिलने के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं और जल्द ही देश को नया उपराष्ट्रपति भी मिल जाएगा। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिए कि अब तक कौन-कौन देश के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं..

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975)

कार्यकाल: 1952-1962, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले उपराष्ट्रपति थे। इन्होंने 10 साल उपराष्ट्रपति पद पर रहकर कार्यभार संभाला। डॉ. सर्वपल्ली देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। वह एक महान दर्शनशास्त्री, लेखक, राज्य के सूरमा, और राजनीतिज्ञ थे। वह आन्ध्र और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया था। 1963 में श्रेष्ठता के ब्रिटीश रॉयल ऑर्डर के सम्माननीय सदस्य और 1931 में नाइटहुड की उपाधि से नवाजा गया। इनके जन्म दिवस 5 सितंबर को पूरे देश में अध्यापक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

डॉ. जाकिर हुसैन (1897-1969)

कार्यकाल: 1962-1967, डॉ. जाकिर हुसैन भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति थे। इसके बाद उन्होंने दो साल के लिए राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला लेकिन कार्यभार के दौरान उनकी मौत हो गई। यह भारत के पहले मुस्लिम उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रुप में भी जाने जाते है। डा. जाकिर हुसैन बिहार के गर्वनर (1957 से 1962) भी रहे। 1963 में जाकिर हुसैन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न और पद्म विभूषण से नवाजा गया। जाकिर हुसैन देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनकी मृत्यु अपने कार्यकाल के दौरान हुई।

वराहगिरि वेंकट गिरि (1894-1980)

कार्यकाल: 1967-1969, वराहगिरि वेंकट गिरि देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बने। वीवी गिरी एक मात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने कार्यकारी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति का पद संभाला है। डॉ. जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद वीवी गिरी को कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त किया गया था। अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिये इन्होंने कुछ महीने बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया। कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल सिर्फ 2 महीने और 17 दिन का रहा।

गोपाल स्वरूप पाठक (1896-1982)

कार्यकाल: 1969-1974, देश के चौथे उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे। राज्यसभा के सदस्य के साथ केन्द्रीय विधि मंत्री भी रहे। मैसूर के राज्यपाल के पद पर भी कार्यरत रहे। इसके अलावा वे मैसूर विश्वविद्यालय, बंगलौर विश्वविद्यालय और कर्नाटक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रहे।

बासप्पा दनप्पा जत्ती (1912-2002)

कार्यकाल: 1974-1979, बासप्पा दनप्पा जत्ती देश के पांचवें उपराष्ट्रपति रहे। ओड़ीसा के राज्यपाल (8 नवंबर 1972 से 20 अगस्त 1974), पुडुचेकी के उपराज्यपाल (14 अक्टूबर 1968 से 7 नवंबर 1972) और मैसूर (16 मई 1958 से 9 मार्च 1962) के मुख्यमंत्री भी रहे। इनके कार्यकाल के दौरान फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद भारत के कार्यकारी राष्ट्रपति के रुप में बासप्पा दनप्पा जत्ती को नियुक्त किया गया था।

मोहम्मद हिदायतुल्लाह (1905-1992)

कार्यकाल: 1979-1984, मुहम्मद हिदायतुल्लाह देश के छठे उपराष्ट्रपति थे। वह भारत के पहले मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने दो अवसरों पर भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्यभार संभाला। नया रायपुर में स्थित हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है।

रामस्वामी वेंकटरमण (1910-2009)

कार्यकाल: 1984-1987, भारत के साठवें उपराष्ट्रपति के रुप में रामास्वामी वेंकटरमन ने सेवा की। इन्होंने गृह-मंत्रालय (22 जून 1982 से 2 सितंबर 1982), रक्षा मंत्रालय (15 जनवरी 1982 से 2 अगस्त 1984) और वित्त मंत्रालय (14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982) के पदों पर भी राष्ट्र की सेवा की।

शंकर दयाल शर्मा (1918-1999)

कार्यकाल: 1987-1992, शंकर दयाल शर्मा देश के आठवें उपराष्ट्रपति रहे। इन्होंने देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया। यह भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री (1952-1956) रहे तथा मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाला था। केंद्र सरकार में यह संचार मंत्री के रूप में (1974-1977) पदभार संभाला। इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1972-1974) भी रहे।

केआर नारायणन (1920-2005)

कार्यकाल: 1992-1997, कोचेरिल रमन नारायण ने देश के नौवें उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवा दी। केआर नारायण दसवें राष्ट्रपति थे। वह थाईलैंड, चाईना, तुर्की और अमेरिका में भारत के दूत भी रह चुके हैं। इन्हें विज्ञान और कानून में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित भी किया गया है। साथ ही वह कई विश्वविद्यालयों में कुलपति और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में उपकुलपति भी रहे।

कृष्णकांत (1927-2002)

कार्यकाल: 1997-2002, कृष्णकांत देश के दसवें उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था। इनकी मौत कार्यकाल के ही दौरान हो गई थी। यह पहले ऐसे उपराष्ट्रपति थे, जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई थी। यह भारतीय संसदीय और वैज्ञानिक समिति के सचिव रहे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे। यह दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, पूर्वोत्तर पहाड़ी विश्वविद्यालय (नार्थ ईस्टर्न हिल युनिवर्सिटी) और गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान (सम-विश्वविद्यालय) के कुलाधिपति भी रहे।

भैरोंसिंह शेखावत (1923-2010)

कार्यकाल: 2002-2007, भैरोंसिंह शेखावत देश के ग्यारहवें उपराष्ट्रपति बने। कृष्णकांत की मृत्यु के बाद इन्होंने उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया। यह कई बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

मोहम्मद हामिद अंसारी (1937)

कार्यकाल: 2007 से अब तक, मोहम्मद हामिद अंसारी ने लगातार दो बार उपराष्ट्रपति का पद संभाला। 2007 से वो अब तक उपराष्ट्रपति के पद पर हैं। वह भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति हैं। साथ ही भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष भी हैं। वह एक शिक्षाविद और प्रमुख राजनेता हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रह चुके हैं।








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