देश में बढ़ती ऊर्जा की मांग के साथ कोयले का केंद्रीकृत आयात करे कोयला मंत्रालय

डीएन ब्यूरो

कोयला मंत्रालय को सभी ऊर्जा संस्थानों के लिए केंद्रीकृत आयात करना चाहिए। इससे प्रभावशीलता बढ़ेगी और लागत घटेगी पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कोयला का आयात बढ़ाना जरूरी (फाइल फोटो)
कोयला का आयात बढ़ाना जरूरी (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली:  देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से कोयला आयात बेहद जरूरी होता जा रहा है, ऐसे में कोयला मंत्रालय को सभी ऊर्जा संस्थानों के लिए केंद्रीकृत आयात करना चाहिए। इससे प्रभावशीलता बढ़ेगी और लागत घटेगी। सूत्रों ने यह कहा है।

दो सूत्रों ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय में यह ऐसा विचार उभर रहा है कि बिजली की किल्लत दूर करने के लिए कोयला मंत्रालय को आयात की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लेनी चाहिए।

इसमें, ऊर्जा उत्पादन करने वाली कंपनियां अपनी मासिक आवश्यकता कोयला मंत्रालय को बता सकती हैं और फिर मंत्रालय कोल इंडिया को सभी आयात के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर काम करने का निर्देश दे सकता है।

हाल के दिनों में कोल इंडिया लिमिटेड ने अपनी आपूर्तियों को बढ़ाने की खातिर कोयला आयात के लिए निविदाएं निकाली थीं। राज्यों और ऊर्जा उत्पादकों को भी ऐसा करने को कहा गया। यह जिम्मेदारी अब कोल इंडिया को दी जा सकती है।

सूत्रों ने कहा कि पूरी प्रक्रिया का मानकीकरण करने और इसे सुव्यवस्थित करने की जरूरत है ताकि बिजली कटौती की आशंका और विलंब के बिना कोयले की जरूरत पूरी हो सके। उन्होंने कहा, ‘‘कोयले के विषय में कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया को बहुत अनुभव है इसलिए उन्हें पूरे ऊर्जा क्षेत्र की ओर से कोयले के आयात की जिम्मेदारी उठाना चाहिए और कोयले की संयंत्र तक आपूर्ति के लिए बंदोबस्त भी करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर ऑर्डर देने से देश बेहतर तरीके से मोलभाव कर सकेगा और इससे लागत घटेगी और परिणामस्वरूप ऊर्जा उत्पादन की लागत कम होगी।

अभी ऊर्जा उत्पादन कंपनियां अपने स्तर पर कोयला आयात करती हैं। (भाषा)










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