खिलाड़ियों ने थॉमस कप के अपने अनुभव किये साझा, पीएम मोदी बोले- भारत में खेल इतिहास का यह स्वर्णिम अध्याय

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को पहली बार थॉमस कप जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि "यह भारत के खेल इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों से की मुलाकात (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों से की मुलाकात (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को पहली बार थॉमस कप जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि "यह भारत के खेल इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से मुलाकात की, जिन्होंने थॉमस कप के अपने अनुभव साझा किये।

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने पिछले दस दिनों का अनुभव प्रधानमंत्री से साझा किया। उन्होंने टीम और सपोर्ट स्टाफ से मिले समर्थन को याद किया।

उन्होंने कहा कि टीम अब भी जीत के लम्हों को फिर से जी रही है। मोदी ने उनकी खुशी साझा करते हुए टीम के उन खिलाड़ियों के ट्वीट्स को याद किया, जिन्होंने अपने पदक के साथ सोते हुए फोटो ट्विटर पर साझा की थी।

रंकीरेड्डी ने अपने कोचों के साथ प्रदर्शन की समीक्षा के बारे में भी बताया। श्री मोदी ने स्थिति के अनुसार उनकी अनुकूलन क्षमता की सराहना की और भविष्य के लक्ष्यों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

चिराग शेट्टी ने भी टूर्नामेंट की अपनी यात्रा सुनाई और ओलंपिक दल के साथ प्रधानमंत्री आवास पर अपनी बैठक को याद किया।

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि उन्होंने ओलंपिक पदक न जीत पाने पर कुछ खिलाड़ियों में निराशा देखी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी दृढ़ थे और अब वे सभी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।

उन्होंने कहा, "एक हार से सब खत्म नहीं हो जाता, जीवन में दृढ़ संकल्प और जुनून की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के लिए जीत स्वाभाविक परिणाम है, आपने यह दिखाया है।

मोदी ने टीम से कहा कि वे आने वाले समय में और भी कई मेडल जीतेंगे। उन्होंने कहा कि टीम को 'खेलना भी है खिलना भी है' और देश को खेल की दुनिया में आगे ले जाना है। प्रधानमंत्री ने कहा अब भारत पीछे नहीं रह सकता। आपकी जीत पीढ़ियों को खेलने के लिए प्रेरित कर रही है। 

एचएस प्रणय ने कहा कि क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में काफी दबाव था और उन्हें खुशी है कि टीम के समर्थन के कारण वे इसे दूर कर सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रणय के अंदर के योद्धा को पहचाना और कहा कि जीत के लिए उनका रवैया ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि पिछले 7-8 सालों में हमारे खिलाड़ियों ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने ओलंपिक, पैरालंपिक और डेफलिम्पिक्स में शानदार प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज खेलों को लेकर मानसिकता बदल रही है।

उन्होंने कहा, "यह भारत के खेल इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। आप जैसे चैंपियन और आपकी पीढ़ी के खिलाड़ी इसके लेखक हैं। हमें इस गति को जारी रखने की जरूरत है।  (वार्ता)










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