New Delhi: सीबीआई ने 1,017 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में लोहा इस्पात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक समूह से 1017.93 करोड़ रुपये की कथित ठगी को लेकर लोहा इस्पात लिमिटेड और इसके तत्कालीन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) राजेश गौरीशंकर पोद्दार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक समूह से 1017.93 करोड़ रुपये की कथित ठगी को लेकर लोहा इस्पात लिमिटेड और इसके तत्कालीन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) राजेश गौरीशंकर पोद्दार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि तत्कालीन सीएमडी और अन्य ने भारतीय स्टेट बैंक और इसकी अगुवाई वाले समूह के सदस्यों- बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाने के लिए 2012-2017 में साजिश रची थी और कार्यशील पूंजी, मियादी कर्ज आदि के रूप में करीब 812.07 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।
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यह कार्रवाई एसबीआई की शिकायत पर की गयी है। एसबीआई का आरोप है कि लोहा इस्पात, इसके निदेशकों, गारंटर और अज्ञात अन्य लोगों ने संदिग्ध एवं अस्तित्वहीन निकायों के साथ जाली बिक्री और खरीद विनिमय कर बैंक की इस ऋण राशि की हेराफेरी की।
एसबीआई की शिकायत के आनुसार, उन्होंने ऋणदाताओं को धोखा देने के इरादे से अवैध फायदा कमाने के लिए कथित रूप से साजिश रची।
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सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ दिल्ली, मुंबई, रायगढ़ और ठाणे में आरोपियों के रिहायशी और आवासीय परिसरों समेत नौ स्थानों की तलाशी ली गयी और अभियोजन योग्य दस्तावेज/सामग्री बरामद हुई।’’