बिहार में नया विवाद, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में शिक्षा मंत्री के निजी सचिव के आने पर रोक, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

बिहार के शिक्षा विभाग ने अपने कार्यालयों में अपने ही मंत्री चंद्रशेखर के निजी सचिव कृष्ण नन्द यादव के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसी के साथ उसके कामकाज के बारे में प्रेस में 'नकारात्मक खबरें' आने को लेकर उत्पन्न विवाद बढ़ गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिहार शिक्षा विभाग
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पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने अपने कार्यालयों में अपने ही मंत्री चंद्रशेखर के निजी सचिव कृष्ण नन्द यादव के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसी के साथ उसके कामकाज के बारे में प्रेस में 'नकारात्मक खबरें' आने को लेकर उत्पन्न विवाद बढ़ गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यादव ने एक जुलाई को अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) के के पाठक को एक पत्र लिखकर कहा था कि मंत्री मीडिया में विभाग से संबंधित 'ढेर सारी नकारात्मक खबरों' को लेकर नाराज हैं।

यादव ने पत्र में लिखा था, '' यहां तक कि आधिकारिक पत्र एवं विभागीय संवाद से जुड़ी जानकारियां मंत्री प्रकोष्ठ तक पहुंचने से पहले ही मीडिया में लीक हो रही हैं। यह लोक सेवकों की कार्यप्रणाली के नियमों के खिलाफ है। विभाग को ऐसे अधिकारियों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए। मीडिया में चल रही ढेर सारी नकारात्मक खबरों से मंत्री नाराज हैं। अब वह चाहते हैं कि अधिकारियों के बीच मौजूद 'रॉबिनहुड' और 'एक्टर्स' को दंडित किया जाए।’’

विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने बुधवार को यादव को जवाबी पत्र लिखते हुए कहा कि यह पत्र किसी काम काम का नहीं है और वह (यादव) सरकारी अधिकारियों से सीधे संवाद करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।

चौधरी ने कहा, ''आपने पिछले एक सप्ताह में विभाग के अधिकारियों को कई पत्र भेजे हैं। आपसे अतीत में भी यह कहा जा चुका है कि आप सरकारी अधिकारियों से सीधा संवाद करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस तरह के बेकार पत्र लिखकर आप सरकारी अधिकारियों का वक्त बर्बाद कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि आपके पास मंत्री प्रकोष्ठ में कुछ काम नहीं है। विभाग को पता चला है कि आपने पहले भी उसके (विभाग के) खिलाफ मुकदमा दाखिल किया था। आप मंत्री प्रकोष्ठ में काम करने के लिए पात्र नहीं हैं। विभाग आपको आपके पद से हटाने के लिए पहले ही सक्षम अधिकारी को पत्र लिख चुका है। '' उन्होंने कहा कि आप मंत्री प्रकोष्ठ में काम करने लायक नहीं हैं। विभाग पहले ही आपको पद से हटाने के लिए सक्षम प्राधिकारी को पत्र लिख चुका है।

चौधरी ने यह भी कहा कि यादव को अपने नाम के आगे 'डॉ.' का प्रयोग करने के पक्ष में दस्तावेज पेश करना चाहिए।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक चंद्रशेखर से बार बार प्रयास करने के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया है।

राजद विधायक भाई बिरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पाठक को शिक्षा सचिव के पद से हटाने का आग्रह किया है। उन्होंने (बिरेंद्र) आरोप लगाया कि पाठक के हालिया कदम महागठबंधन सरकार के हितों के खिलाफ हैं।

वैसे, जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) के मंत्री श्रवण कुमार ने पाठक को एक ईमानदार अधिकारी बताया है।

लेकिन जदयू के ही अन्य नेता और एसटी-एससी मंत्री रत्नेश सदा ने पाठक को दलित विरोधी बताया है। पाठक, 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है। पाठक ने 2016 में शराबबंदी कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।










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