नगा क्लब ने इमारत गिराने की जिम्मेदारी ली, कहा-किरायदारों को पूर्व नोटिस दिया गया था

डीएन ब्यूरो

‘नगा क्लब’ के सदस्यों ने रविवार को कोहिमा के मुख्य बाजार में स्थित इमारत को गिराने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) समेत इमारत में रहने वाले अन्य किरायेदारों को परिसर खाली करने को लेकर पूर्व में नोटिस दिया था। ‘नगा क्लब’ के सदस्य खुद को इस विरासत संस्था के संस्थापकों का मूल वंशज मानते हैं।

पूर्व नोटिस (फाइल)
पूर्व नोटिस (फाइल)


कोहिमा: ‘नगा क्लब’ के सदस्यों ने रविवार को कोहिमा के मुख्य बाजार में स्थित इमारत को गिराने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) समेत इमारत में रहने वाले अन्य किरायेदारों को परिसर खाली करने को लेकर पूर्व में नोटिस दिया था। ‘नगा क्लब’ के सदस्य खुद को इस विरासत संस्था के संस्थापकों का मूल वंशज मानते हैं।

हालांकि, पुलिस ने शनिवार तड़के विध्वंस में शामिल मिट्टी हटाने की मशीन के चालक को गिरफ्तार कर लिया। उधर, एनएसएफ ने सोमवार से धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

कोहिमा के अपर पुलिस अधीक्षक रेलो टी आये ने कहा कि अन्य संदिग्धों की पहचान की गई है, लेकिन अब तक एक ही गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है।

पुलिस को लिखे पत्र में नगा क्लब के अध्यक्ष कुओलाचली सेयी ने कहा कि उनके नोटिस जारी करने के बाद कुछ किरायेदारों ने परिसर खाली कर दिया था और क्लब उन हिस्सों को कुछ हफ्ते पहले गिरा दिया था।

उन्होंने कहा कि कुछ युवाओं को बाकी प्रतिष्ठानों के कार्यालयों को गिराने का काम सौंपा गया था, जिन्होंने परिसर खाली करने और मलबा हटाने से इनकार कर दिया था।

बयान में कहा गया कि अज्ञात बदमाशों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ या आपराधिक वारदात का सवाल ही नहीं उठता, जैसा कि एनएसएफ ने आरोप लगाया है।

एनएसएफ की ओर से इमारत को गिराने के लिए दर्ज कराई गई प्राथमिकी को ‘अफसोसनाक’ करार देते हुए क्लब ने आरोप लगाया कि वह (एनएसएफ) परिसर में जबरन और गैर कानूनी रूप से रह रहा था, क्योंकि उन्होंने बेदखली का नोटिस पहले ही जारी कर दिया था। इस इमारत में कोहिमा प्रेस क्लब समेत कई कार्यालय स्थित थे, लेकिन इसे शनिवार सुबह ध्वस्त कर दिया गया था।

एनएसएफ के अध्यक्ष केगवेहुन टेप ने जनजातीय निकायों और नागरिक समाज के संगठनों से अपील की है कि वे सोमवार से शुरू हो रहे धरन-प्रदर्शन को अपना समर्थन दें।

टेप ने कहा कि एनएसएफ नगा क्लब की इमारत का संरक्षक रहा है और दावा किया कि तथाकथित ‘नगा क्लब’ के अस्तित्व को आम लोग मान्यता नहीं देते हैं।

नगा क्लब की स्थापना वर्ष 1918 में की गई थी, लेकिन यह बाद में निष्क्रिय हो गया। इसके बाद एनएसएफ ने इमारत पर वर्ष 1980 के दशक में कब्जा कर लिया। लेकिन वर्ष 2017 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने पर नगा क्लब का फिर से उदय हुआ।

 










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