मुंबई कोविड केंद्र घोटाला मामला : ईडी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने धन शोधन की जांच के सिलसिले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत के कथित सहयोगी सुजीत पाटकर समेत कई लोगों की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने धन शोधन की जांच के सिलसिले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत के कथित सहयोगी सुजीत पाटकर समेत कई लोगों की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
संघीय एजेंसी की जांच मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा संचालित कोविड देखभाल केंद्रों के गठन में कथित धोखाधड़ी से संबद्ध है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ईडी ने एक बयान में कहा कि ‘लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज’ के साझेदार सुजीत पाटकर, डॉ. हेमंत गुप्ता, राजीव सालुंखे, संजय शाह और उनके साथी सुनील कदम उर्फ बाला कदम के खिलाफ कार्रवाई के तौर पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मुंबई में तीन फ्लैट, म्यूच्युल फंड और बैंक में जमा राशि अस्थायी रूप से कुर्क की गयी है।
कुर्क की गयी संपत्तियों का कुल मूल्य 12.24 करोड़ रुपये है।
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यह जांच दहीसर और वर्ली में स्थित जंबो कोविड केंद्र में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है। धन शोधन का मामला मुंबई पुलिस की प्राथमिकी से निकला है।
ईडी ने पाटकर और दहीसर जंबो कोविड केंद्र में बीएमसी के पूर्व डीन डॉ. किशोर बिसुरे को जुलाई में गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में अभी एक जेल में बंद हैं।
ये कथित अनियमितताएं तब हुईं जब बीएमसी ने जून 2020 में विभिन्न जंबो कोविड केंद्रों में आईसीयू, ऑक्सीजन बिस्तर और गैर-ऑक्सीजन बिस्तरों में मानव संसाधनों की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की।
ईडी ने आरोप लगाया कि ‘लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज’ ने ‘‘अधूरे और जाली दस्तावेजों’’ के आधार पर जुलाई 2020-फरवरी 2022 के लिए दहीसर और वर्ली में जंबो कोविड केंद्रा में डॉक्टरों, नर्स और अन्य कर्मचारियों तथा टेक्नीशियंस जैसे स्टाफ सदस्यों की नियुक्ति के लिए ठेका हासिल किया।
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जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के साझेदारों ने बीएमसी कर्मचारियों के साथ ‘‘मिलीभगत’’ कर सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच बीएमसी प्राधिकारियों से 32.44 करोड़ रुपये हासिल कर लिए।
उसने आरोप लगाया कि राउत के कथित ‘‘करीबी सहयोगी’’ पाटकर और लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजेंट सर्विसेज के अन्य साझेदारों ने संपत्तियां खरीदने, आवासीय कर्ज फिर से चुकाने, रियल एस्टेट कारोबार में निवेश करने के लिए इस निधि में ‘‘हेरफेर’’ किया।
एजेंसी ने 15 सितंबर को मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में इस मामले में एक आरोपपत्र दाखिल किया था।