व्यावसायीकरण के कारण चिकित्सा सेवाओं पर अविश्वास की स्थिति

डीएन ब्यूरो

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के बढ़ते व्यावसायीकरण के साथ स्वास्थ्य प्रणाली पर बढ़ रहे बोझ से चिकित्सा सेवाओं पर अविश्वास और संदेह की स्थिति पैदा हो रही है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़  (फाइल फोटो)
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के बढ़ते व्यावसायीकरण के साथ स्वास्थ्य प्रणाली पर बढ़ रहे बोझ से चिकित्सा सेवाओं पर अविश्वास और संदेह की स्थिति पैदा हो रही है।

सीजेआई ने कहा, ‘‘हमें एक समाज के रूप में संरचनात्मक और नीतिगत बाधाओं को रोकने की आवश्यकता है जो स्वास्थ्य देखभाल न्याय हासिल करने के लिए अच्छी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच को रोकता है।’’

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साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में बढ़ती सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से वंचित समूहों के स्वास्थ्य पर असंगत असर पड़ता है।

19वें सर गंगा राम ओरेशन ऑफ प्रिस्क्रिप्शन फॉर जस्टिस ‘क्वेस्ट फॉर फेयरनेस एंड इक्विटी इन हेल्थकेयर’ में सीजेआई ने कहा कि समानता और निष्पक्षता प्रमुख कारक हैं जो स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को न्याय दिलाने में मदद करते हैं।

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उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सभा में कहा, ‘‘स्वास्थ्य देखभाल के बढ़ते व्यावसायीकरण के साथ स्वास्थ्य प्रणाली पर बढ़ रहे बोझ से चिकित्सा सेवाओं पर अविश्वास और संदेह की स्थिति पैदा हो रही है। यह आपके पेशे के लिए नयी बात नहीं है, कानून के पेशे में भी अविश्वास है। लोग हमसे भी सवाल कर रहे हैं।’’










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