मीराबाई के सिर्फ दो वैध प्रयास, एशियाई चैंपियनशिप में छठे स्थान पर रहीं

डीएन ब्यूरो

भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू का कूल्हे में समस्या के कारण एशियाई चैंपियनशिप में अभियान उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और शुक्रवार को यहां स्नैच में जूझने तथा क्लीन एवं जर्क में अंतिम दो प्रयास नहीं करने के कारण वह छठे स्थान पर रहीं।

मीराबाई  (फाइल)
मीराबाई (फाइल)


जिन्जू: भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू का कूल्हे में समस्या के कारण एशियाई चैंपियनशिप में अभियान उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और शुक्रवार को यहां स्नैच में जूझने तथा क्लीन एवं जर्क में अंतिम दो प्रयास नहीं करने के कारण वह छठे स्थान पर रहीं।

तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई 49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करते हुए स्नैच में 85 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 109 किग्रा के साथ कुल 194 किग्रा वजन ही उठा सकीं जो 207 किग्रा के उनके निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से 13 किग्रा कम है।

स्नैच में मीराबाई का निजी र्स्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88 किग्रा जबकि क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा है। वह क्लीन एवं जर्क में एक प्रयास के बाद ही मुकाबले से हट गईं।

‘बी’ ग्रुप में चुनौती पेश कर रही जापान की रिरा सुजूकी ने भी 194 किग्रा (83 किग्रा और 111 किग्रा) वजन उठाया लेकिन मीराबाई से पहले चुनौती पेश करने के कारण वह भारतीय पहलवान से आगे रहीं।

मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मीरा के बाएं कूल्हे के जोड़ में दिक्कत हो रही थी। अगर वह भार उठाना जारी रखती तो उसे चोट लग सकती थी इसलिए हमने जोखिम नहीं लेने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैसे भी हमारा लक्ष्य यहां सिर्फ प्रतिस्पर्धा पेश करना था। हम सिर्फ क्लीन एवं जर्क में एक वैध प्रयास के साथ कुल वजन की श्रेणी में आना चाहते थे।’’

मीराबाई ने स्नैच में आसानी से 85 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की। उन्होंने इसके बाद वजन को 88 किग्रा किया जो उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

मणिपुर की यह भारोत्तोलक हालांकि अपने अगले दो प्रयासों में विफल रहीं और उन्हें स्नैच में 85 किग्रा के प्रयास के साथ संतोष करना पड़ा।

स्नैच में चार भारोत्तोलकों ने मीराबाई से बेहतर नतीजे हासिल किए और सभी ने 90 किग्रा या इससे अधिक वजन उठाया।

मीराबाई स्वयं भी स्नैच में 2020 से 90 किग्रा वजन उठाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई को बताया था कि इस पूर्व विश्व चैंपियनशिप के यहां इतना वजन उठाने का प्रयास करने की उम्मीद नहीं है।

मीराबाई ने पिछली बार 2021 में एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और तब क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड (119 किग्रा) से कांस्य पदक जीतकर लौटी थीं।

हालांकि इस बार उन्होंने क्लीन एवं जर्क में सिर्फ 109 किग्रा वजन उठाया और फिर अपने अंतिम दो प्रयास नहीं करने का फैसला किया जिसके कारण के बारे में पता नहीं चला है।

चीन की जियांग हुइहुआ ने कुल 207 किग्रा (94 किग्रा और 113 किग्रा) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने क्लीन एवं जर्क में अपने अंतिम प्रयास में 120 किग्रा वजन उठाकर मीराबाई के 119 किग्रा के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन नाकाम रहीं।

तोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हाउ झीहुई कुल 204 किग्रा (93 किग्रा और 111 किग्रा) वजन उठाकर दूसरे स्थान पर रहीं जबकि थाईलैंड की सेरोदचाना खामबाओ ने 200 किग्रा (90 किग्रा और 110 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।

मौजूदा चैंपियनशिप 2024 पेरिस ओलंपिक की क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में शामिल है जहां तोक्यो खेलों की 14 की तुलना में भारोत्तोलन की 10 स्पर्धाएं होंगी।

हालांकि यह अतिरिक्त स्पर्धा है और इसे ओलंपिक में शामिल करना अनिवार्य नहीं है।

ओलंपिक 2024 क्वालीफिकेशन नियमों के अनुसार एक भारोत्तोलक के लिए 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है।

उपरोक्त दोनों प्रतियोगिताओं के अलावा भारोत्तोलकों को 2022 विश्व चैंपियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैंपियनशिप, 2023 ग्रांप्री एक, 2023 ग्रां प्री दो और 2024 महाद्वीपीय चैंपियनशिप में तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा।

अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) क्वालीफिकेशन समय खत्म होने पर प्रत्येक वजन वर्ग में ओलंपिक क्वालीफिकेशन रेटिंग जारी करेगा।

अंतिम आकलन के लिए क्लालीफाइंग प्रतियोगिताओं में भारोत्तोलन के तीन सर्वश्रेष्ठ प्रयासों पर गौर किया जाएगा।

 










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