Meerut: हथियार मामले में युवक को फ़साना पुलिसकर्मियों को पड़ा भारी, जानिये क्या मिली सजा

डीएन ब्यूरो

मेरठ जिले के खरखौदा क्षेत्र में एक बाइक में खुद ही तमंचा रखकर उसकी बरामदगी दिखाते हुए एक युवक को गिरफ्तार करने के आरोपी दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर जांच शुरु कर दी गयी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर
दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर


मेरठ: मेरठ जिले के खरखौदा क्षेत्र में एक बाइक में खुद ही तमंचा रखकर उसकी बरामदगी दिखाते हुए एक युवक को गिरफ्तार करने के आरोपी दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर जांच शुरु कर दी गयी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

युवक को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। उसके परिवार वालों का आरोप है कि खरखौदा थाने में तैनात सिपाही संतोष कुमार और दिनेश पिछले मंगलवार की रात खंदावली गांव में उनके आवास पर तलाशी लेने के लिए पहुंचे और दावा किया कि उन्हें घर में अवैध हथियार रखे होने की सूचना मिली है।

परिजनों के अनुसार, तथाकथित तलाशी के दौरान बाइक से एक देशी पिस्तौल बरामद की गई लेकिन बाद में सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला कि दोनों पुलिसकर्मियों ने यह पिस्तौल खुद ही बाइक में रखी थी।

गिरफ्तार युवक के परिवार के सदस्य सीसीटीवी फुटेज लेकर बुधवार को पुलिस महानिरीक्षक नचिकेता झा के कार्यालय पर पहुंचे और उन्हें पूरी रिकार्डिग दिखाई। झा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण को मामले की जांच के आदेश दिये।

सजवाण ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को खरखौदा पुलिस थाने से हटाकर लाइनहाजिर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण क्षेत्र) कमलेश बहादुर को मामले की जांच सौंपी गई है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर तंज किया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''पहले ख़ुद ही रखकर फिर करते हैं बरामद, झूठी है इनकी दबिश और झूठी है हिरासत।''










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