मणिपुर हिंसा पूर्वोत्तर में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का द्योतक: माकपा

डीएन ब्यूरो

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में हिंसा पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विभाजनकारी राजनीति का द्योतक है।

द्योतक (फाइल)
द्योतक (फाइल)


नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में हिंसा पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विभाजनकारी राजनीति का द्योतक है।

वामपंथी दल ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में लिखे संपादकीय में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर में हिंसा को लेकर लगातार ‘चुप्पी’ साधे हुए हैं।

माकपा ने दावा किया कि 2017 में मणिपुर की सत्ता में भाजपा के आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों ने मेइती समुदाय को कुकी समुदाय के खिलाफ एक हिंदू ताकत के रूप में एकजुट किया। इसके बाद वहां संघर्ष की स्थिति बनना आरंभ हुई।

उसने आरोप लगाया, ‘‘मणिपुर आज जल रहा है। यह पूर्वोत्तर में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का प्रतीक है।’’

गौरतलब है कि मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं।

हिंसा में अब तक करीब 120 लोगों की जान गई है और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं।

 










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