DN Exclusive महराजगंज से गोरखपुर का सफर: सड़क पर दो साल से काम, सरकार के अधूरे इंतजाम

डीएन संवाददाता

सड़कों से केवल राहगीर और वाहन ही नहीं गुजरते, सड़कों से विकास भी गुजरता है। इन पर महज गाड़ियों के पहिये ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिकी के चक्के भी घूमते हैं। घंटों के सफर को मिनटों में तब्दील करने वाली सड़कें कई इंसानी तकलीफों को भी कम करती हैं लेकिन जहां सड़कें उबड़-खाबड़, बीमार और गढ्ढ़ा युक्त हों, वहां विकास, आर्थिकी और सहूलियतें लड़खड़ा जाती है। सड़कों के इन्हीं आयामों को आधार बनाकर डाइनामाइट न्यूज पेश कर रहा है एक स्पेशल सीरिज। इस सीरिज के तीसरे भाग में पेश है- महराजगंज से गोरखपुर सड़क की दास्तां..



महराजगंज: किसी भी क्षेत्र की सड़कें वहां की कई कहानियां भी बयां करती है। जिन सड़कों पर चक्के जितने तेज घूमेंगे, वहां सहूलियतों समेत विकास की रफ्तार भी उतनी ही तेज होंगी। यही एक बड़ा कारण रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनते ही सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले राज्य की सड़कों को गढ्ढ़ा मुक्त कराने की घोषणा की। सीएम योगी की इस घोषणा से राज्य की जनता को लगा कि नये मुख्यमंत्री ने उनके दुखती रग का इलाज ढूंढ लिया है, लेकिन 9 माह बीत जाने की बाद भी उनकी यह घोषणा ढाक के तीन पात ही साबित हुई। 

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महराजगंज जिले और इससे जुड़ी की सड़कों का जायजा लेने निकली डाइनामाइट न्यूज की टीम ने आज तीसरे दिन महराजगंज से गोरखपुर शहर जाने वाली सड़क का सफर तय किया और जाना इस मार्ग का हाल। 

 

 

काम की कछुआ गति

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महराजगंज जिले का निकटवर्ती जनपद गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद भी है। योगी यहां से पांच बार लगातार सांसद चुने गये। गोरखपुर के कई ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और राजनैतिक मायने हैं। इस लिहाज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोरखपुर को जोड़ने वाली हर सड़क भी महत्वपूर्ण और अव्वल दर्जे की होनी चाहिये। महराजगंज को गोरखपुर शहर से जोड़ने वाली इस सड़क की कुल लंबाई लगभग 60 किलोमीटर है। इस सड़क पर दो स्ट्रेच हैं। पहला महराजगंज से पड़तावल और दूसरा पड़तावल से गोरखपुर। पड़तावल से गोरखपुर वाले स्ट्रेच को चार लेन और महराजगंज से पड़तावल स्ट्रेच को दो लेन की सड़क बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिये कई जगह पिछले दो सालों से काम चल रहा है, लेकिन सड़क चौड़ीकरण का यह काम काम कछुआ गति से चल रहा है।

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 हादसों की तादाद भी ज्यादा

सैकड़ों लोग प्रतिदिन महराजगंज-गोरखपुर सड़क का इस्तेमाल करते है। यहां वाहनो की आवाजाही भी लगातार बनी रहती है। जनता के लिये अतिमहत्व की यह सड़क अब भी उपेक्षाओं का शिकार है। अति संकरी, हैवी ट्रैफिक और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण इस सड़क पर आये दिन हादसे होते रहते है। सड़क के इर्द-गिर्द कोई ट्रामा सेंटर न होने से कई लोग समय पर इलाज न मिलने के कारण सड़क हादसों में दम तोड़ देते है। अन्य सड़को की अपेक्षा इस सड़क पर सड़क हादसों की तादाद भी ज्यादा है।

 

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तकलीफदेह यात्रा

महराजगंज-गोरखपुर रोड़ से गुजरते हुए वाहन चालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। महज 60 किलोमीटर की दूरा को तय करने में 3 से 4 घंटे का लंबा वक्त लग जाता है। बारिश की मौसम में यहाँ और भी भयावह स्थिति हो जाती हैं। जगह-जगह गढ्ढों से भरी इस सड़क की यात्रा कई बार तकलीफदेह बन जाती है। सड़क के सुदृढीकरण का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा 2 वर्षों से किया जा रहा है। लेकिन निर्माण कार्यों के चलते सड़क का हाल और भी बुरा हो गया है। डामर उखड़ जाने के कारण सड़क धूल फांकती रहती है। महराजगंज जिला अस्पताल से अगर किसी मरीज को गोरखपुर ले जाना होता हैं तो मरीज की स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। सड़क के निर्माण कार्यों की धीमी गति के जनता औऱ राहगीर बेहद नाराज है। 


(महराजगंज जिले की सड़कों का हाल जानने और इनके सुरतेहाल बदलने के लिये डाइनामाइट न्यूज़ ने एक खास मुहिम शुरू की है। इस पहल में डाइनामाइट न्यूज़ आपका स्वागत करता है। डाइनामाइट न्यूज़ का मोबाइल एप.. 9999450888 पर मिस्ड काल कर नि:शुल्क डाउनलोड करें)










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