DN Exclusive महराजगंज से शिकारपुर-घुघुली की यात्रा: संकरी सड़क पर वाहन हजार, सफर के लिये सब लाचार

सड़कों से केवल राहगीर और वाहन ही नहीं गुजरते, सड़कों से विकास भी गुजरता है। इन पर महज गाड़ियों के पहिये ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिकी के चक्के भी घूमते हैं। घंटों के सफर को मिनटों में तब्दील करने वाली सड़कें कई इंसानी तकलीफों को भी कम करती हैं लेकिन जहां सड़कें उबड़-खाबड़, बीमार और गढ्ढ़ा युक्त हों, वहां विकास, आर्थिकी और सहूलियतें लड़खड़ा जाती है। सड़कों के इन्हीं आयामों को आधार बनाकर डाइनामाइट न्यूज पेश कर रहा है एक स्पेशल सीरिज। इस सीरिज के दूसरे भाग में पेश है- महराजगंज से शिकारपुर-घुघुली सड़क की दास्तां..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 December 2017, 3:15 PM IST
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महराजगंज: किसी भी क्षेत्र की सड़कें वहां की कई कहानियां भी बयां करती है। जिन सड़कों पर चक्के जितने तेज घूमेंगे, वहां सहूलियतों समेत विकास की रफ्तार भी उतनी ही तेज होंगी। यही एक बड़ा कारण रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनते ही सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले राज्य की सड़कों को गढ्ढ़ा मुक्त कराने की घोषणा की। सीएम योगी की इस घोषणा से राज्य की जनता को लगा कि नये मुख्यमंत्री ने उनके दुखती रग का इलाज ढूंढ लिया है, लेकिन 9 माह बीत जाने की बाद भी उनकी यह घोषणा ढाक के तीन पात ही साबित हुई। 
 

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महराजगंज जिले की सड़कों का जायजा लेने निकली डाइनामाइट न्यूज की टीम ने आज दूसरे दिन शिकारपुर-घुघुली मार्ग के सफर तय किया और जाना इस सड़क का हाल। 

 

 

रेलवे स्टेशन से जुड़ा शिकारपुर-घुघुली मार्ग 

महराजगंज जिले का शिकारपुर-घुघुली मार्ग कई मायनो में काफी महत्वपूर्ण है और यह जनपद की प्रमुख सड़कों में शुमार है। यह मार्ग जिले में स्थित रेलवे स्टेशन से सीधा जुड़ा हुआ है, जिस कारण इसकी उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है। इस मार्ग पर दिन-रात आने-जाने वालों का तांता लगा रहता है। इस मार्ग पर चीनी मिल के अलावा और भी कई औद्योगिक प्रतिष्ठान है, इसलिये भी यहां राहगीरों का काफी भीड़ लगी रहती है। घुघुली रेलवे स्टेशन जिले का अति प्राचीन स्टेशन है, जिसकी जिला मुख्यालय की दूरी महज 20 किलोमीटर है।  

 

 

20 किलोमीटर की बड़ी तकलीफ

कहने को तो जिला मुख्यालय से घुघुली की दूरी महज 20 किलोमीटर है, जब कोई भी इस सड़क पर सफर के लिये निकलता है तो उसे एक छोर से दूसरे छोर पहुंचने में 1 से डेढ़ घंटा लग जाता है। इस सड़क पर जितनी ज्यादा भीड़ होती है उसके अनुपात में यह मार्ग उतना ही अधिक संकरा और टूटा-फूटा है, जिस कारण जाम की समस्या आये दिन देखी जा सकती है। सड़कों में गढ्ढ़े होने के कारण बड़े से छोटे हर तरह के वाहन मालिकों के कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। 

 

 

सड़क की मरम्मत

रेलवे कनेक्टविटी के लिहाज से घुघली रोड़ भले ही जिले की अतिमहत्वपूर्ण सड़क हो, पर यह लंबे समय से उपेक्षित ही रही है। उबाड़-खाबड़ और टूटी-फूटी इस सड़क को देखकर लगता है कि सरकार को इस सड़क के महत्व का ज्यादा पता नहीं है। हालांकि काफी लंबे अरसे बाद लगभग 1 वर्ष से लोक निर्माण विभाग इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रही है, जो अभी भी पूरा नहीं हो सका है।  सड़क की मरम्मत का काम जारी है, लेकिन यह काम कब तक पूरा होगा और जाम से कब मुक्ति मिलेगी इसका जबाव किसी के पास नहीं है। सड़के के कई हिस्सों पर अतिक्रमण भी नजर आता है, जिसको हटाने की दिशा में सरकार द्वारा अभी तक कुछ खास काम नहीं किये गये है। 

 

 

हजारों वाहन, हजारों मुश्किलें

घुघली रोड़ से प्रतिदिन हजारों वाहन और मुसाफिर गुजरते हैं लेकिन सड़क की खस्ताहाल स्थिति होने के कारण यहां से गुजरने वाले राहगीर भी सफर के दौरान हजारों समस्याओं से जूझते है। डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में यहां से गुजरने वाले राहगीरों ने बताया कि उन्हें 20 किलामीटर के सफर के लिये डेढ़ से दो घंटों का वक्त लगता है। जाम और सड़कों पर गढ्ढ़े होने के कारण आये दिन सड़क हादसें का भय बना रहता है। 

(महराजगंज जिले की सड़कों का हाल जानने और इनके सुरतेहाल बदलने के लिये डाइनामाइट न्यूज़ ने एक खास मुहिम शुरू की है। इस पहल में डाइनामाइट न्यूज़ आपका स्वागत करता है। डाइनामाइट न्यूज़ का मोबाइल एप.. 9999450888 पर मिस्ड काल कर नि:शुल्क डाउनलोड करें)

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