महाराष्ट्र का पेंच बाघ अभयारण्य भारत का पहला ‘डार्क स्काई पार्क’ बना
महाराष्ट्र में पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) ने रात के आकाश की सुरक्षा करने और प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए भारत में पहले और एशिया में पांचवें डार्क स्काई पार्क का खिताब अर्जित किया है, जिससे यह सुविधा खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए आदर्श बन गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नागपुर: महाराष्ट्र में पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) ने रात के आकाश की सुरक्षा करने और प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए भारत में पहले और एशिया में पांचवें डार्क स्काई पार्क का खिताब अर्जित किया है, जिससे यह सुविधा खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए आदर्श बन गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पीटीआर महाराष्ट्र के उप निदेशक प्रभु नाथ शुक्ल ने बताया कि एक प्राकृतिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संसाधन के रूप में रात्रिकालीन आकाश के महत्व को रेखांकित करते हुए, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) प्रकृति संरक्षण एवं संरक्षित क्षेत्रों में पारिस्थितिकीय अखंडता के लिए प्राकृतिक अंधेरे को संरक्षित करने के महत्व पर जोर देता है।
उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रकाश प्रदूषण के बढ़ते वैश्विक खतरे ने इस अमूल्य संसाधन के लिए बड़ा संकट पैदा कर दिया है।
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शुक्ला ने कहा कि ‘इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन’ के नेतृत्व में ‘द डार्क एंड क्वाइट स्काइज फॉर साइंस एंड सोसाइटी वर्किंग ग्रुप’ ने राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों द्वारा 'डार्क स्काई ओसेस' की स्थापना किए जाने की सिफारिश की है।
उन्होंने कहा कि ‘डार्क स्काई प्लेस’ प्रमाणन प्रकाश नीति, डार्क स्काई से संबंधित कई विषय और शिक्षा तथा रात के आकाश की निगरानी पर केंद्रित है।
अधिकारी ने कहा कि पीटीआर ने जिला योजना समिति (डीपीसी) कोष के साथ एक रात्रि वेधशाला का उद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि बघोली के पास का क्षेत्र तारों को देखने के लिए निर्धारित किया गया है।
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उन्होंने कहा कि उपायों के हिस्से के रूप में, प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए पाओनी यूसी रेंज बफर क्षेत्र के वाघोली, सिलारी, पिपरिया और खापा गांवों में 100 से अधिक स्ट्रीट और सामुदायिक लाइट को जमीन की ओर केंद्रित लाइट से बदल दिया गया है।