महाराष्ट्र: पुणे में दो संदिग्ध आतंकवादी पकड़े गए, 25 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजे गये

डीएन ब्यूरो

पुणे पुलिस ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा वांछित दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आतंकवादी पुलिस की हिरासत (फाइल)
आतंकवादी पुलिस की हिरासत (फाइल)


पुणे: पुणे पुलिस ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा वांछित दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 25 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस ने अदालत में कहा कि दोनों की पहचान मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूनुस खान (23) और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी (24) के रूप में हुई है और वे मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले हैं तथा ग्राफिक डिजाइनर हैं।

पुलिस ने पहले कहा था कि इन आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस के अनुसार, मंगलवार तड़के पुणे शहर के कोथरूड इलाके में पुलिस के गश्ती दल ने तीन संदिग्धों को एक मोटरसाइकिल चोरी करते पकड़ा, लेकिन जांच के दौरान उनमें से एक संदिग्ध फरार हो गया।

पुलिस आयुक्त ऋतेश कुमार ने बताया कि दोनों व्यक्ति राजस्थान में आतंकवाद से संबंधित एक मामले में एनआईए द्वारा वांछित थे और पिछले 16 महीने से शहर के कोंढवा इलाके में रह रहे थे।

उन्होंने बताया, ‘‘तलाशी के दौरान उनके घर से एक कारतूस, दो पिस्तौल, चार मोबाइल फोन और एक लैपटॉप जब्त किया गया।” उन्होंने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या संदिग्धों के पास कोई आग्नेयास्त्र था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वे पुणे में किसी आतंकवादी कृत्य की साजिश रच रहे थे, उन्होंने कहा कि यह जांच के दौरान स्पष्ट हो जाएगा। फरार हुए तीसरे संदिग्ध के बारे में उन्होंने कहा कि कई दल उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस ने आठ दिन के लिए उन्हें हिरासत में दिये जाने का अनुरोध करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालत को बताया कि दोनों एनआईए द्वारा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में वांछित हैं।

अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि पुलिस ने दोनों के पास से एक कारतूस, एक मैगजीन, एक ड्रोन कैमरे का कवर और एक जाली आधार कार्ड तथा अन्य संदिग्ध चीजें जब्त की थीं।

बचाव पक्ष के वकील यशपाल पुरोहित और अधिवक्ता सौरभ मोरे ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 468 (जालसाजी), 379 (चोरी) और 511 (चोरी का प्रयास), तथा शस्त्र अधिनियम एवं महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत पुणे के कोथरूड पुलिस थाने द्वारा दर्ज मामले का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा मामला एनआईए मामले से अलग है।

मोरे ने कहा, ‘‘पुलिस पहले ही 42 सामान जब्त कर चुकी है और अब और पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है।’’

न्यायाधीश ए. सी. बिराजदार ने कहा कि दोनों की पुलिस हिरासत की आवश्यकता है, क्योंकि उन पर यूएपीए अधिनियम के तहत गंभीर अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।

इसके बाद अदालत ने उन्हें 25 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार फरार हुआ तीसरा संदिग्ध झारखंड का रहने वाला है।

 










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