Maharashtra: मैंग्रोव, समुद्री जैव विविधता क्षेत्र में शोध के लिए 75 छात्रों को छात्रवृत्ति देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने विदेशों में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में ‘मैंग्रोव’ और समुद्री जैव विविधता में शोध करने के लिए कुल 75 छात्रों को तीन साल की अवधि के दौरान छात्रवृत्ति प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।

छात्रवृत्ति (फाइल)
छात्रवृत्ति (फाइल)


मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने विदेशों में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में ‘मैंग्रोव’ और समुद्री जैव विविधता में शोध करने के लिए कुल 75 छात्रों को तीन साल की अवधि के दौरान छात्रवृत्ति प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि इस कवायद के तहत हर साल 25 छात्रों को वन विभाग के ‘मैंग्रोव’ और समुद्री जैव विविधता संरक्षण फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति दी जाएगी।

बयान के अनुसार ये छात्रवृत्ति उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने विदेश में ऐसे शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया है जो ‘टाइम्स हायर एजुकेशन’ (टीएचई) या ‘क्वाकारेली साइमंड्स’ (क्यूएस) की 150वीं रैंकिंग के भीतर हैं।

‘मैंग्रोव’ ऐसे पेड़-पौधे होते हैं जो दलदली क्षेत्रों में पाये जाते है।

बयान में कहा गया है कि इनमें से 30 फीसदी छात्रवृत्तियां छात्राओं को दी जाएंगी।

इसके अनुसार इन 25 छात्रों में से 15 समुद्री विज्ञान, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्र विज्ञान, समुद्री जीव विज्ञान, समुद्री जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव विविधता विषयों के स्नातकोत्तर और 10 पीएचडी छात्र होंगे।

बयान के अनुसार स्नातकोत्तर छात्रों की न्यूनतम आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि पीएचडी छात्रों के लिए यह 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। उनकी वार्षिक आय सीमा आठ लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इसमें कहा गया है कि इस योजना पर सरकार के 31.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मैंग्रोव फाउंडेशन हर साल अप्रैल या मई में छात्रवृत्ति के लिए विज्ञापन जारी करेगा।

बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने एक अन्य फैसले में सभी शहरी स्थानीय निकायों में आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) पर एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना को लागू करने को मंजूरी दी।

इसके अनुसार मंत्रिमंडल ने सड़कों के रखरखाव और गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए महाराष्ट्र राज्य अवसंरचना सुविधा विकास निगम की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।










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