सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला देवी की किस्मत का फैसला सुप्रीम कोर्ट में 11 नवंबर को

इलाहाबाद हाईकोर्ट से पांच साल के कार्यकाल का पक्ष में फैसला आने के बाद एक बार फिर राजनीतिक विरोधियों ने सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला देवी की मुसीबत बढ़ा दी है। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

Updated : 6 November 2022, 5:30 PM IST
google-preferred

महराजगंज: जिलाधिकारी द्वारा सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला देवी को बर्खास्त किये जाने की संस्तुति के बाद लखनऊ में घिरीं शकुंतला देवी अब दिल्ली में 11 नवंबर को एक नये मोर्चे पर घिरती दिख रही हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रोशन मद्धेशिया, अभिमंत्रित सिंह आदि ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की है। सभी रिट एक में जोड़ दी गयी है। इस रिट में हाईकोर्ट द्वारा आगामी पांच वर्षों तक चुनाव न कराये जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिसवा नगर पालिका क्षेत्र में वर्तमान कार्यकारिणी के कार्यकाल पूरा होने तक चुनाव कराने पर रोक लगा दी है। 

यदि सुप्रीम कोर्ट में SLP स्वीकार कर सुनवाई शुरु हो गयी तो शकुंतला देवी के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। 

सिसवा नगर पंचायत को 31 दिसम्बर 2019 को शासन ने नगर पालिका का दर्जा दिया। उस समय जगदीश जायसवाल की पत्नी रागिनी देवी जायसवाल नगर पंचायत अध्यक्ष थीं। नगर पालिका बनने के बाद भी कार्यकाल को लेकर खूब कोर्ट-कचहरी हुई। 

अनूप पाठक नाम के व्यक्ति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नये चुनाव की मांग की। जिसके बाद इसी साल 13 मार्च को नगर पालिका का चुनाव हुआ और भाजपा प्रत्याशी शकुंतला देवी चेयरमैन पद पर निर्वाचित हुई। 

अब सबकी निगाह सुप्रीम कोर्ट पर टिक गयी हैं।

Published : 
  • 6 November 2022, 5:30 PM IST

Related News

No related posts found.