महराजगंज: नगर पालिका बोर्ड की बैठक में उजागर हुआ भ्रष्टाचार, 1 लाख 45 हजार ईंटों का कोई हिसाब नही, वी-मार्ट पर कसेगा शिकंजा

डीएन संवाददाता

सौ करोड़ के सालाना बजट वाली जिले की सबसे बड़ी सदर नगर पालिका बोर्ड की शनिवार को बैठक थी। इसमें भ्रष्टाचार का एक पुराना मामला उजागर हुआ। जिसके बाद कर्मचारियों के पसीने छूटने लगे। पूरी खबर..

 नगर पालिका बोर्ड की बैठक का दृश्य
नगर पालिका बोर्ड की बैठक का दृश्य


महराजगंज: जिले की सबसे बड़ी और मलाईदार नगर पालिका के नये बोर्ड की तीसरी बैठक में सबसे ज्वलंत मुद्दा रहा नगर पालिका कर्मियों के सांठ- गांठ से मची लूट और अंधेरगर्दी का।

कहां गये 1 लाख 45 हजार ईंट

शहर के हनुमानगढ़ी के आगे पुराने नाले को तोड़ कर निकाले गये 1 लाख 45 हजार ईंट का कोई हिसाब ही नहीं है नगर पालिका के पास। जब एक सभासद ने बोर्ड के समक्ष यह मामला उठाया तो कर्मचारियों के पसीने छुटने लगे। 

भष्टाचार का आलम यह है कि नई नाली तो बन गई लेकिन पुरानी नाली को तोड़ कर उसमें से निकला 1 लाख 45 हजार ईंट गायब हो गया। चेयरमैन कृष्णगोपाल जायसवाल ने कार्यदायी संस्था को नोटिस देते हुए तत्काल प्रभाव से जाँच के आदेश दिए लेकिन क्या यह जांच वाकई कोई नतीजे वाली होगी या महज खाना पूर्ति वाली.. यह देखने वाली बात होगी।
       
40 लाख पचाए बैठे स्टैंड ठेकेदारों को जारी होगी आरसी

बैठक में सभी सभासदों ने एक स्वर में आवाज उठाया कि जो लोग टैक्सी स्टैंड लिए थे और अब तक 40 लाख नगर पालिका को नही दिये हैं उनको तत्काल आरसी जारी कर वसूली करायी जाय।

बैठक में मौजूद सभासद

होली के बाद नगर में अवैध कब्जा धारियों के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर कब्जा हटवाया जायेगा।

नगर पालिका की 26 दुकानों का 50% तत्काल किराया बढ़ाने पर भी बोर्ड की सहमति बनी। 

48 घंटे के अंदर वी-मार्ट को नोटिस जारी कर करें कार्यवाही

नगर में निजी बाजार वी-मार्ट द्वारा सरकारी फुटपाथों को तोड़ कर जो  होर्डिंग लगवायी गयी हैं और अतिक्रमण किया गया है उस पर नपा अध्यक्ष ने कड़ा एक्शन लेते हुए कर्मचारियों को निर्देशित किया कि 48 घण्टे के भीतर वी-मार्ट को नोटिस देकर तत्काल कार्यवाही करें। 

सदर एसडीएम की काली छाया को लेकर लोग संशकित
ईओ वीरेंद्र राव से चार्ज छीनने के वाद ये बोर्ड की पहली बैठक थी जिसमें अपने काले-कारनामों को लेकर जिले भर में चर्चा के पात्र बने सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद मौजूद रहे। सब अचरज भरी निगाह से एसडीएम की ओर देख रहे थे कि कहीं इनके काले-कारनामों और भ्रष्टाचार की छाया अब नगर पालिका पर भी न बैठ जाये।

 










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