

महराजगंज में करोड़ों रूपये खर्च करके 882 ग्राम पंचायतों की तस्वीर बदलने की कोशिश की गई। लेकिन इसके परिणाम सिफर ही नजर आ रहे हैं। पंचायती राज निदेशक के फरमान पर
अब विभाग के हुक्मरानों की नींद टूटी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
महराजगंजः स्वच्छ भारत मिशन की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान के तहत जिला प्रशासन ने जनपद के 882 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर चुका है। ग्राम पंचायतों को संवारने में करोड़ों रूपया पानी की तरह बहाया गया लेकिन इसके परिणाम धरातल पर वास्तविकता से कई दूर है। आलम यह है कि ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट पदार्थों के निपटान को लेकर पंचायती राज विभाग के फरमान पर विभाग 1123 दिन बाद जागा है।
गंदगी से नहीं मिल सकी निजात
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान का हाल यह है कि अब भी कई ग्राम पंचायतों में चारों ओर सड़कों पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट नजर आ रहा है। ग्राम पंचायतों का सत्यापन न होने से न तो ग्राम पंचायतों की तस्वीर बदल सकी और न ही गंदगी से निजात मिल पाई। इससे ग्राम पंचायतों में गंदगी की स्थिति भयावह हो गई।
तत्काल टीम का गठन
आलम यह है कि 1123 दिन बाद निदेशक पंचायती राज राजकुमार ने आज वीडिओ कान्फेंसिंग के जरिए डीपीआरओ को बड़ा फरमान सुनाया। इस फरमान के बाद डीपीआरओ यावर अब्बास ने तत्काल टीम गठित कर ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थ की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का निर्देश जारी किया है।
वर्षों बाद शुरू ग्राम पंचायतों का सत्यापन
नये निदेशक पंचायती राजकुमार के फरमान जारी होते ही डीपीआरओ ने आनफानन में दिसंबर माह में एडीपीआरओ नित्यानंद, डीसी एसएलडब्ल्यूएम संतोष शुक्ला, डीसीआईसी/एचआरडी एके उपाध्याय, डीसीएमआईएस मनोज प्रजापति की टीम गठित की है।
ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट तथा व्यक्तिगत शौचालयो का सत्यापन कर रिपोर्ट देने का निर्देश जारी किया है। डीपीआरओ ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि सत्यापन की रिपोर्ट प्रतिदिन जिला मुख्यालय को देना होगा।
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