महराजगंज: नकली शराब के सामने आते मामलों से आबकारी विभाग और उसके अफ़सर कटघरे में

महराजगंज जनपद में चल रही पंचायत चुनाव की गतिविधियों के बीच अवैध शराब के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं। पुलिस औऱ संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तारियां भी जारी है। नकली शराब के इन मामलों में आबकारी विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 April 2021, 6:30 PM IST
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महराजगंज: अफसरों के नाक के नीचे नकली शराब बनाने के एक और मामले का पुलिस ने आज पर्दाफाश किया है। लेकिन इसी तरह न मालूम और कितने नकली शराब के मामले है, जो सामने नहीं आ पाते हैं। चर्चा जोरों पर है कि आबकारी विभाग के अफसरों के नाक के नीचे और उनकी लापरवाही के कारण नकली शराब का गोरखधंधा जारी है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिस और संयुक्त टीम द्वारा की जा रही छापेमारी में एक के बाद एक अवैध शराब के मामले सामने आ रहे हैं, जो आबकारी विभाग को कटघरे में खड़ा करता है।

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जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर नगर पालिका परिषद के एरिया विस्तार वाले नव सृजित वार्ड अमरुतिय वार्ड के केवटाना टोला में नकली शराब बनाने का काला कारनामा जारी था, जिसका पुलिस ने भंडाफोड़ किया। बताया जाता है कि यह अवैध धंधा वहां लंबे समय से जारी था लेकिन आबकारी विभाग ने कभी ठोस कदम उठाने की जहमत नहीं की। इसके पहले होली का त्योहार था तो उस पर आबकारी विभाग के अफसर लगातार छापेमारी के ढोंग रच रहे थे। होली के बाद विभाग ने अपने छापेमारी अभियान को क्यो रोका, यह भी बड़ा सवाल है।
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नगर पालिका परिषद के नए एरिया विस्तार के जद में एक वर्ष पहले आये अमरुतिया वार्ड के केवटानी टोला में यह काला कारनामा किसकी शह पर चल रहा था, यह भी एक बड़ा सवाल है। 
एक ग्राहक ने बताया कि पूछने पर ये भट्ठी वाले बाताते है कि विभाग के लोगों को भी पैसा जाता है और उनके इशारे पर ही ये सब कुछ होता है।

त्योहारों पर छापेमारी के नाम पर वाहवाही लूटने वाले जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार पांडेय और जिला आबकारी निरीक्षक जिलाजित सिंह पर एक बार फिर उंगलिया उठनी शुरू हो चुकी है । 

कुछ अफसरों और बड़े लोगों के इशारों पर चलने वाले इस अवैध कारोबार से नकली शराब माफिया खूब चांदी काट रहे है। जिले में नकली शराब की कई भट्ठियां धधक रही है। आखिर ये अवैध भट्टियां और मौत का काला कारोबार कब खत्म होगा, इसका जबाव देने को संबंधित विभाग तैयार नहीं है। 

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