महराजगंजः मौसम का बदला मिजाज, बूंदाबांदी से दलहन और तिलहन के फसलों को मिली संजीवनी, जानिये क्या बोले कृषि वैज्ञानिक

डीएन संवाददाता

महराजगंज में शनिवार की भोर से शुरू हुई बूंदाबांदी ने किसानों के चेहरे पर हरियाली लौटा दी है। बूंदाबांदी से दलहन और तिलहन के फसलों को संजीवनी मिलने के आसार बढ़ गये है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज पर कृषि वैज्ञानिकों की राय

खेतों में लहलहाती सरसों के फसल को मिली संजीवनी
खेतों में लहलहाती सरसों के फसल को मिली संजीवनी


महराजगंजः जिले में ठंड ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। शाम होते ही कुहरे की चादर ने हर किसी को घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में शनिवार की भोर से शुरू बूंदाबादी ने किसानों के चेहरे पर हरियाली लौटा दी है। दलहन और तिलहन की फसलों को काफी लाभ पहुंचने के आसार बढ़ गए हैं।  

मसूर व सरसों की फसलों को फायदा 

कृषि के जानकर डां, ताहिर अली ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि इस बूंदाबादी से खासकर मसूर, सरसों, तोरिया आदि फसलों को काफी लाभ पहुंचा है। बारिश की हल्की सिंचाई और बूंदाबांदी ने संजीवनी का कार्य किया है। 

कभी धूप तो कभी छाया में सिहरन बढ़ी 

कृषि वैज्ञानिक डां, आरपी रघुवंशी ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि हर पल बदल रहे मौसम के मिजाज से ठंड और बढ़ने की संभावना है। दो से तीन दिन तक और भी बूंदाबादी हो सकती है। 

गेहूं की फसल के लिए माकूल तापमान 

भले ही ठंड ने हर किसी को परेशान किया हुआ हो लेकिन गेहूूं की फसल के लिए यह माकूल तापमान है। गेहूं के बेहतर उत्पादन के लिए न्यूनतम 12 डिग्री और अधिकतम 22 डिग्री तापमान जरूरी है।










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