महराजगंज के अधिवक्ता ने कराया देश का दूसरा और पूर्वांचल का पहला लिविंग वसीयतनामा पंजीकृत

डीएन संवाददाता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दिये गये एक ऐतिहासिक निर्णय के बाद लिविंग वसीयतनामा के पंजीकरण में देश में दूसरा मामला यूपी के महराजगंज से आया है, जहां वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडेय ने लिविंग वसीयतनामा पंजीकृत करवाया है।

अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय
अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय


महराजगंज: लिविंग वसीयतनामा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये ऐतिहासिक फैसले के बाद जिले के इंदिरा नगर निवासी अधिवक्ता औऱ मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडेय देश के ऐसे दूसरे इंसान बन गये हैं, जिन्होंने लिविंग वसीयतनामा पंजीकृत कराया है। लिविंग वसीयतनामा पंजीकृत करवाकर अधिवक्ता विनय कुमार ऐसा करने वाले पूर्वांचल के पहले व्यक्ति बन गये हैं। 

 

वसीयत की प्रति

अधिवक्ता विनय कुमार ने मंगलवार को लिविंग वसीयतनामा रजिस्टर्ड कराया है। उन्होंने यह वसीयतनामा अपने कज़न (ममेरे) भाई उमेश चंद्र त्रिपाठी के नाम पर किया है। इस दौरान उन्होंने अपने वसीयतनामा में आधार दिया कि जीवन में कुछ भी निश्चित नही है और किसी भी इंसान की मृत्यु हो सकती है। ऐसे में अपने जीवनकाल में ही वह अपना वसीयतनामा पंजीकृत करा देना चाहते हैं।

इस वसीयतनामे के पंजीकरण के दौरान दो लोगों ने बतौर गवाह हस्ताक्षर भी किये। कई का कहना है कि विनय ने ऐसा करके समाज में एक नई मिसाल कायम की है।










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