मध्य प्रदेश: पटवारी भर्ती परीक्षा में कांग्रेस ने गड़बड़ी का आरोप लगाया: भाजपा ने दावे को खारिज किया

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में पटवारियों (राजस्व विभाग के कर्मचारियों) की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का बुधवार को आरोप लगाया और कहा कि शीर्ष 10 चयनित उम्मीदवारों में से सात ने एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह परीक्षा केंद्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक द्वारा संचालित कॉलेज है।

कांग्रेस ने गड़बड़ी (फाइल)
कांग्रेस ने गड़बड़ी (फाइल)


भोपाल: मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में पटवारियों (राजस्व विभाग के कर्मचारियों) की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का बुधवार को आरोप लगाया और कहा कि शीर्ष 10 चयनित उम्मीदवारों में से सात ने एक ही परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह परीक्षा केंद्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक द्वारा संचालित कॉलेज है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने राज्य में दस साल पहले सामने आए भर्ती और दाखिला घोटाले का जिक्र करते हुए इसे 'व्यापम’ जैसा एक और घोटाला करार दिया जबकि राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अनियमितताओं के आरोपों से इनकार किया।

पटवारी के पदों के लिए परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (जिसे पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल या व्यापम के नाम से जाना जाता था) द्वारा आयोजित की गई थी।

यादव ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि केवल भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को ही भर्ती किया गया है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि 10 चयनित उम्मीदवारों में से आठ ग्वालियर-चंबल संभाग से हैं और उनमें से सात सिर्फ एक परीक्षा केंद्र - ग्वालियर स्थित एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से हैं।

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उन्होंने कहा कि इस कॉलेज का मालिक एक भाजपा विधायक है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकांश शीर्ष रैंकिंग वाले उम्मीदवारों ने उत्तर पुस्तिकाओं पर हिंदी में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी में अच्छे अंक प्राप्त किए, जिससे संदेह पैदा होता है कि क्या वास्तविक उम्मीदवारों के स्थान पर किसी अन्य ने उनके लिए परीक्षा दी थी।

यादव ने कहा कि एक अभ्यर्थी को गलत उत्तर लिखने के बावजूद पूरे अंक मिले।

दूसरी ओर गृह मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने भर्ती परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया।

मिश्रा ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि बोर्ड ने 26 अप्रैल को परीक्षा आयोजित की थी और परिणाम मई और जून में घोषित किए गए और कांग्रेस अब इस मुद्दे को उठा रही है, जब राज्य विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है।

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मंत्री ने कहा कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेता ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीधी में पेशाब कांड से जुड़ा वीडियो तीन साल पुराना है, लेकिन इसे ‘‘अब वायरल किया गया।’’

मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा बताए गए केंद्र से सात नहीं, बल्कि 114 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है।

 










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