लखनऊ: यूपी पुलिस ने आईएसआई एजेंट को पाकिस्तानी मोबाइल के साथ किया गिरफ्तार

यूपी पुलिस ने एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए राष्ट्रविरोधी काम में जुटे एक आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया है। डाइनामाइट न्यूज़ से विशेष बातचीत में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने इस मामले की पूरी जानकारी दी। पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 May 2018, 1:51 PM IST
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लखनऊ: यूपी पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार एजेंट का नाम रमेश सिंह है, जिसे उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र पिथौरागढ़ से दबोचा गया। गिरफ्तार आरोपी के पास से एक पाकिस्तानी मोबाइल समेत कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की गयी। पाकिस्तानी मोबाइल का प्रयोग वह आईएसआई के अधिकारियों को गोपनीय सूचनाएं मुहैया कराने के लिए किया करता था।

इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ से विशेष बातचीत में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि आरोपी के पास से कई चीजें बरामद की गयी है। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है, ताकि इस मामले में गहनता से पूछताछ की जा सके।

आनंद कुमार ने कहा कि 3 मई 2017 को यूपी पुलिस ने मलेट्री इंटेलिजेंस की मदद से फैजाबाद निवासी आफताब को गिरफ्तार किया था जिसके खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में मामला दर्ज किया गया। आफताब से पूछताछ पर रमेश सिंह पुत्र आम सिंह का नाम सामने आया, जो मूलत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के डीडीहाट तहसील के गराली गांव का रहने वाला है। पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही में जब उसके घर की तलाशी ली और पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। 

एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि रमेश सिंह 2015 में भारतीय उच्चायोग में काम करने वाले एक अधिकारी के रसोइए के तौर पर इस्लामाबाद गया। जहां उसका संपर्क आईएसआई के अधिकारियों के साथ हुआ। जिन्होंने उसे भारत में आईएसआई के लिए काम करने को कहा। लगभग ढ़ाई साल रहने के बाद सितंबर 2017 को वह भारत लौट आया और इसके बाद राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में जुट गया। इसके बदले में आईएसआई उसे डॉलर के रूप में भुगतान करती थी। जब रमेश सिंह भारत आता तो दिल्ली में डॉलर को रुपए में बदलकर अपने घर ले जाता था।

कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से और अधिक पूछताछ की जा रही है और इसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। जहां कोर्ट में पेश किया जाएगा और इससे जानने की कोशिश की जाएगी कि इसने यूपी में सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में क्या-क्या गोपनीय जानकारियां आईएसआई को दी और उसके बदले में उसे अब तक कितना पैसा मिला है।
 

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