Kisan Andolan: PM मोदी UP के किसानों संग 25 दिसंबर को करेंगे संवाद, लगेंगी ढाई हजार चौपाल, जानिये पूरा कार्यक्रम

डीएन ब्यूरो

केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के किसानों संग 25 दिसंबर को बातचीत करने की घोषणा की है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

पीएम मोदी (फाइल फोटो)
पीएम मोदी (फाइल फोटो)


लखनऊ: मोदी सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज 28 दिन पूरे हो चुके हैं। सरकार के कई प्रयासों के बावजूद भी किसान अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं है। अब सरकार ने एक अहम घोषणा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर यूपी के किसानों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद स्थापित करने की बात कही है। इसके जरिये किसानों को नये कानून के फायदे बताएं जाएंगे।

भारतीय जनता पार्टी, इसके प्रमुख नेता समेत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को व्यापक सफलता दिलाने में जुट गयी है। इसके लिये स्पेशल कैंपन चलाया जायेगा। 

मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में किसानों को अपने साथ करने के लिये मेगा कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में ढाई हजार स्थानों पर चौपाल लगाई जायेगी। बाताया जाता है कि राज्य के अकले अवध क्षेत्र में ही 377 जगहों पर चौपाल लगेंगी। 

इस वर्चुअल संवाद के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी किसानों से संवाद करके सरकार के नए कृषि कानूनों के बारे में बात करेंगे और यह समझाने का प्रयास करेंगे कि आखिर ये नया कानून किस तरह किसानों के पक्ष में है। 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये उत्तर प्रदेश बीजेपी पूरी तरह जुट गयी है। इसके लिये भाजपा कार्यकर्ता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी लेकर किसानों के घर-घर जाएंगे और उन्हें इस कार्यक्रम में शामल होने का न्योता देंगे। भाजपा इसके लिये किसानों के बीच संपर्क अभियान चलाएगी। किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर पीएम मोदी नये कृषि कानूनों की खासियत बताएंगे। 

यह कार्यक्रम ठीक ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब दिल्ली में किसानों के आंदोलन को लगभग एक माह पूरा हो रहा है। इसलिये पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगी सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उत्तर प्रदेश के किसानों को अपने पक्ष में करने की सरकार की यह कवायद केंद्र सरकार के लिये बेहद अहम मानी जा रही है।










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