लखनऊ: फर्जी दस्तावेज के आधार लोन दिलाकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने मंगलवार को लखनऊ से फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन दिलाने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को दबोचा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नकली दस्तावेज के आधार ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
नकली दस्तावेज के आधार ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़


लखनऊ: यूपी एसटीएफ(STF) ने मंगलवार को फर्जी दस्तावेज (Fake Document) के आधार बैकों से लोन स्वीकृत कराकर करोडों की ठगी करने वाले गिरोह (Gang) के 4 सदस्यों (Member) को गिरफ्तार (Arrset) किया है। पुलिस ने आरोपियों से एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, 5 विभिन्न बैकों की पास बुक, 4 विभिन्न बैकों की चेक बुक, 2 बुलेट मोटर साइकिल, 1  वैगनआर कार बरामद की है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस ने आरोपी की पहचान मो0 आरिफ पुत्र मो0 उमर निवासी निवासी वरावन कला माल रोड, लखनऊ, मो0 वाशिल पुत्र मो0 आरिफ निवासी जूते वाली गली अमीनाबाद लखनऊ। हाल पता- आशियाना अपार्टमेन्ट माडल हाउस अमीनाबाद लखनऊ,  शिव प्रताप सिंह पुत्र स्व0 सूरजवली सिंह निवासी ग्रा0 सिरकोहिया पो0 महमूदाबाद जिला सीतापुर,  अर्पित श्रीवास्तव पुत्र स्व0 विनोद कुमार श्रीवास्तव निवासी कनकसिटी सरीपुरा आलमनगर लखनऊ के रुप में की है। 

पुलिस ने आरोपी को मंगलवार शाम पिकप भवन तिराहे से मधुरिमा की तरफ जाने वाले मार्ग, थाना विभूतिखण्ड जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया है। 

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जानकारी के अनुसार एस0टी0एफ0 को विगत काफी दिनों से जनपद लखनऊ में बैकों एवं हाउसिंग लोन कम्पनियों से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लोन स्वीकृत कराकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। 

इस दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर पिकप भवन तिराहे से मधुरिमा की तरफ जाने वाले मार्ग पर, थाना विभूतिखण्ड से इन चार आरोपियों को धर दबोचा। 

पुलिस का बयान 

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पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि ठगी करने के उद्देश्य से प्रापर्टी का  नकली अभिलेख, कूटरचित पैन व आधार कार्ड के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों की फोटो बदलकर, फर्जी लोगों को खडाकर बैंक आफ महाराष्ट्र, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, यूको बैंक आदि अन्य बैंकों में खाता खुलवाते थे  तथा फर्जी विक्रेता खडाकर जमीन की रजिस्ट्री कराते थे। 

उन्होंने बताया कि हाउसिंग लोन कम्पनियों तथा बैंकों के सर्वेयर व कर्मचारियों से मिलकर लोन पास करा लेते थे और प्राप्त रूपयों को आपस में बांट लेते थे। प्राप्त रूपयों से ही लोन की कुछ किश्ते भरते थे।  ताकि कम्पनियों को शक न हो और नये फर्जी लोन आसानी से पास करा सके। कुछ समय बाद किश्त देना बंद करके गायब हो जाते थे। 

पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना विभूतिखंड, जनपद लखनऊ में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। 










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