

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले पर फैसला सुना दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस बार नगर निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना ही होंगे।
#UPCivicPoll: यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर जानिये हाईकोर्ट का पूरा फैसला, देखिये डाइनामाइट न्यूज़ के वरिष्ठ संवाददाता सुभाष रतूड़ी की ये रिपोर्ट
Report By @SubhashRaturi pic.twitter.com/Tx75J13zij— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 27, 2022
ओबीसी सीटें घोषित होंगी सामान्य
जिन सीटों को सरकार द्वारा ओबीसी घोषित किया गया है, उन पर आरक्षण लागू नहीं होगा और ऐसी सीटें सामान्य श्रेणी में होंगी।
अनुसूचित सीट रहेंगी अनुसूचित
हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक जिन सीटों को सरकार द्वारा एससी आरक्षण घोषित किया गया था वे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अनुसूचित जाति के लिए ही रिजर्व रहेंगी।
हाईकोर्ट के आदेश की बड़ी बातें
कोर्ट ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बिना कोई आरक्षण नहीं होगा। हाईकोर्ट ने सरकार के आरक्षण के ड्राफ्ट को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने 87 पेज का जजमेंट दिया है।
अगर सरकार गयी सुप्रीम कोर्ट तो क्या?
अब चुनाव समय पर होंगे या नहीं? यह तय होगा यूपी सरकार के अगले कदम के बाद। यदि योगी सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है तो चुनाव लटक जायेगा और नहीं देती है तो फिर चुनाव समय पर हो जायेगा।
ओबीसी आरक्षण के लिये आयोग का गठन
हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि ओबीसी आरक्षण के लिये एक अलग से आयोग का गठन किया जाना चाहिये, जो केवल ओबीसी आरक्षण के बारे सुझाव देगा। उसके बाद ही इस पर कोई फैसला दिया जा सकता है।
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