विवेक तिवारी के हत्यारे सिपाही की तरफदारी में नपे 6 पुलिसकर्मी

डीएन संवाददाता

लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करना कई पुलिस कर्मियों को भारी पड़ा है।डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपियों के पक्ष में संगठन बनाने वालों पर यूपी पुलिस की सख्त कार्रवाई की है। काली पट्टी बांधकर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने के आरोप में 3 पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी, जबकि 3 थानाध्यक्षों को डीजीपी ऑफिस द्वारा हटा दिया गया है। यूपी पुलिस ने लखनऊ के तीन थानों- नाका, गुडंबा और अलीगंज के थानाध्यक्षों को हटाते हुए और इन्ही तीनों थाने से एक-एक सिपाही के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है।

विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी पर की गयी कड़ी कार्यवाही के विरोध में शुक्रवार को कथित तौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा रोष जताया गया था और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सांकेतिक विरोध किया गया था। लखनऊ समेत दूसरे जिलों के कुछ पुलिस कर्मियों ने भी अपने बाहों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताने वाली फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की थी।

सोशल मीडिया के माध्यम से जब इसकी भनक डीजीपी ऑफिस को हुई तो आनन-फानन में पुलिस कर्मियों की शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू की गई और उसके बाद कड़ी कार्रवाई की गयी।

मामले की जानकारी देते हुए डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा कि पुलिस बल एक अनुशासित बल है और प्रदेश भर के ढाई लाख की तादाद वाले पुलिस कर्मियों में से कुछ पुलिस कर्मियों ने ही इस तरह के सांकेतिक विरोध में भागीदारी की थी, जिसकी वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं कुछ ऐसे भी लोगों के नाम पड़ताल में सामने आए हैं, जो फर्जी आईडी के माध्यम से पुलिस कर्मियों को विरोध करने के लिए उकसाने में लगे थे। इस पर कार्रवाई करते हुए ऐसे सभी लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

डीआईजी ने कहा कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाई के विरोध में संगठन बनाने का अधिकार नहीं है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
 










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