सुहागिन महिलाएं क्यों रखती है भगवान शिव के व्रत, जानें मान्याताएं और शंकर की लीला

शिव को महाकाल कहा जाता है, अर्थात समय। शिव अपने इस स्वरूप द्वारा पूर्ण सृष्टि का भरण-पोषण करते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 July 2024, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: शिव को महाकाल कहा जाता है, अर्थात समय। शिव अपने इस स्वरूप द्वारा पूर्ण सृष्टि का भरण-पोषण करते हैं। इसी स्वरूप द्वारा परमात्मा ने अपने ओज व उष्णता की शक्ति से सभी ग्रहों को एकत्रित कर रखा है। परमात्मा का यह स्वरूप अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है क्योंकि पूर्ण सृष्टि का आधार इसी स्वरूप पर टिका हुआ है। भगवान शिव ही एक मात्र संपूर्ण पारिवारिक जीवन जीने वाले देवता है, उनका जीवन मनुष्यों को सीख देता है कि कैसे धरती पर जीवन जीना है। 

सुहागिन महिलाएं सावन के सोमवार को  व्रत रखती हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखी होता है। भगवान भोलेनाथ की पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। भगवान के आशीर्वाद से उनके जीवन में सुख शांति संपन्नता बनी रहती है और बिगड़े काम बनने लगते हैं। सावन के सोमवार में व्रत रखने से परिवार में खुशियां आती हैं और जीवन की सभी समस्‍याएं और अड़चनें दूर होती हैं। आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। मान्‍यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से जन्‍मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। 

वहीं कुंवारी लड़कियां सावन के सोमवार का व्रत करती है तो अच्छे पति मिलते है तथा योग्य जीवनसाथी का आशीर्वाद भी मिलता है। विवाह में देरी के कारण होने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भगवान के आशीर्वाद से शादी भी जल्दी हो जाता है। 

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  • 22 July 2024, 3:14 PM IST