

देश के 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है कि निर्वाचन आयोग मतगणना के दौरान वीवीपैट की 50 प्रतिशत पर्चियों को इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन की गणना से मिलाए। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा वीवीपैट की पर्चियों की गणना का अभी का तरीका सबसे बेहतर है।
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दायर वर्तमान वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT-वीवीपैट) की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। साथ ही यह भी कहा यदि 50 प्रतिशत पर्चियों का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM-ईवीएम) से मिलान करना पड़ा तो मतगणना में 6-9 दिन का समय लग सकता है।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा वीवीपैट की पर्चियों की गणना का अभी का तरीका सबसे बेहतर है। वहीं यदि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाएगी तो चुनाव परिणामों में बहुत समय लगेगा। वहीं प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना के तरीके को सही बताया। आयोग ने कहा कि वह किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार के लिये तैयार है जिससे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलती हो।
ज्ञात हो कि 25 मार्च को सुनवाई के दौरान न्यायालय जानना चाहता था कि क्या एक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से लिये जाने वाले नमूना सर्वेक्षण की संख्या बढ़ाई जा सकती है? इसी संबंध में आज निर्वाचान आयोग ने उच्चतम न्यायालय शपथ पत्र दायर किया।
गौरतलब है आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों ने एक याचिका दायर की थी। जिसमें मांग की गई थी कि लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाये।
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