अमेठी में चरमरायी स्वास्थ्य सेवायें, तिलोई के सरकारी अस्पताल में डाक्टर हुए ईद के चांद

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिलोई में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां आने वाले मरीजों को सुविधाओं के नाम पर स्वास्थ्य कर्मी महज खानापूर्ति करते हैं। मरीजों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग प्राइवेट दवाखानों में इलाज कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ विशेष..

Updated : 13 June 2019, 5:34 PM IST
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अमेठी: सूबे की सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों को सुविधाओं के नाम पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह हाल तब है जब सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए  भारी भरकम रकम मुहैया करा रही है। यहां तक की खुद डॉक्टर भी अस्पताल से गायब रहते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यहां मौजूद रजिस्टर पर हस्ताक्षर कौन करता है।

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बता दें कि यहां सात डाक्टर है लेकिन वह कब आते है कब नहीं इसका किसी को पता नहीं रहता है। प्रदेश सरकार ने स्वाथ्य सेवाओं को बेहतर बनाने  के लिए और डाक्टरों की शत प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखने के लिए वायोमेटिक मशीन लगाई हैं,लेकिन यहां वह भी बेअसर नजर आ रही है। विभाग के लोग न आए डाक्टरों को फर्जी ढंग से हस्ताक्षर बनाकर उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनाकर कम्प्यूटर से उपस्थिति विभाग को भेज कर वेतन निकाला जा रहा हैं।

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अस्पताल के दरवाजे पर लटका ताला

जब कि हकीकत यह है की कई डॉक्टर अपने-अपने क्लिनिक पर बैठते हैं। सप्ताह भर में 1-2 घंटे का समय निकाल कर वो अस्पताल में लोगों को देखने आ जाते हैं। इस बारे में गांव वालों का कहना है कि वो अपनी परेशानी लेकर अस्पताल जाते हैं, लेकिन बंद ताले देख कर उन्हें वापस जाना पड़ता है। गांव वालों ने इस पूरे मामले की शिकायत उपजिलाधिकारी सुनील कुमार त्रिवेदी से की है। 

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