सिक्किम में आई बाढ़ में जान गंवाने वाले असम के जवान का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

डीएन ब्यूरो

सिक्किम में आई बाढ़ में जान गंवाने वाले असम के सैन्यकर्मी मितुल कालिता का अंतिम संस्कार रविवार शाम बक्सा जिले में उनके पैतृक स्थान पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सिक्किम में आई बाढ़ में जान गंवाने वाले असम के सैन्यकर्मी मितुल कालिता का अंतिम संस्कार
सिक्किम में आई बाढ़ में जान गंवाने वाले असम के सैन्यकर्मी मितुल कालिता का अंतिम संस्कार


गुवाहाटी: सिक्किम में आई बाढ़ में जान गंवाने वाले असम के सैन्यकर्मी मितुल कालिता का अंतिम संस्कार रविवार शाम बक्सा जिले में उनके पैतृक स्थान पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ''यह असम के लिए बड़ी क्षति है। उसने अपने एक बहादुर सैन्यकर्मी मितुल कालिता को सिक्किम की बाढ़ में खो दिया। मितुल, बक्सा जिले के रहने वाले थे।''

शर्मा ने कहा, ''ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे। मैं दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।''

कालिता भारतीय सेना के तकनीकी विभाग में तैनात थे। वह बुधवार को अचानक आई बाढ़ में लापता हुए 23 सैनिकों में से एक थे।

लापता सैन्यकर्मियों में से एक को बाद में बचा लिया गया, लेकिन कालिता सहित नौ के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं।

कालिता (31) अलीपुरद्वार में कार्यरत थे और वह विभागीय आदेश पर सिक्किम गये थे।

राज्य के कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य लोगों ने कालिता को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

इस बीच, सिक्किम में फंसे राज्य के छात्रों के रविवार देर रात असम पहुंचने की उम्मीद है।

राज्य सरकार ने हिमालयी राज्य में फंसे छात्रों को घर वापस लाने के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी।

जिन अधिकारियों को यह काम सौंपा गया उनमें से एक अधिकारी मेघ निधि दहल ने बताया कि 124 छात्रों को वापस लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये ज्यादातर छात्र अपने कॉलेज परिसर में ही थे। वे घर लौटना चाह रहे थे और हमने इसका प्रबंध कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि छात्रों को लाने वाली बसें रविवार रात को पश्चिम बंगाल सीमा से असम में प्रवेश करेंगी।

 










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