E. Sreedharan: मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने राजनीति को किया अलविदा, भाजपा के टिकट पर हारे थे चुनाव, जानिये उनका आगे का प्लान
दिल्ली मेट्रो के प्रमुख शिल्पी और मेट्रोमैन के नाम से प्रसिद्ध ई. श्रीधरन ने आखिरकार राजनीति को अलविदा कह दिया है। ई. श्रीधरन ने भाजपा के टिकट पर केरल विधानसभा का चुनाव लड़ा था। पढ़िये पूरी रिपोर्ट
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली को मेट्रो का तोहफा देने वाले और मेट्रोमैन के नाम से प्रसिद्ध ई. श्रीधरन ने आखिरकार राजनीति को अलविदा कह दिया है। ई. श्रीधरन ने भाजपा के टिकट पर केरल विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गये थे।
गुरुवार को अपने गृह नगर मलप्पुरम में पत्रकारों के साथ बातचीत में श्रीधरन ने कहा कि वे अब सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं। श्रीधरन ने अपनी आगे की योजना के बारे में बताया कि "मैं दूसरी तरीकों से भी लोगों की सेवा कर सकता हूं। मैं तीन ट्रस्टों को चला रहा हूं और मुझे उसमें काम करना है"।
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श्रीधरन ने कहा, 'बहुत से लोग नहीं जानते कि मेरी उम्र 90 वर्ष है। मैं अब भी काम करने की सोच रहा हूं। सक्रिय राजनीति छोड़ने का मतलब ये नहीं है कि मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'चुनाव हारने पर मुझे दुख हुआ था, लेकिन मैं अब दुखी नहीं हूं क्योंकि सिर्फ एक विधायक होने के नाते आप कुछ भी नहीं कर सकते।' श्रीधरन ने कहा कि भाजपा का वोट प्रतिशत 16 से 17 फीसदी था, लेकिन अब इसमें कमी आई है।'
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श्रीधरन ने भाजपा के टिकट पर पलक्कड विधानसभा सीट से केरल विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे कांग्रेस विधायक शफी परामबिल से हार गये थे। श्रीधरन 3,859 वोट से चुनाव हार गए थे।