तिलहन उत्पादन को लेकर जानिए क्या लिखा SEA की रिपोर्ट में

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया ने भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार से सरसों की फसल पर अधिक ध्यान देने की मांग की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 March 2023, 1:00 PM IST
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जयपुर: सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया ने भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार से सरसों की फसल पर अधिक ध्यान देने की मांग की है। एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने सोमवार को कहा कि भारत दुनिया में खाद्य तेलों के सबसे बड़े आयातक के रूप में उभरा है और खाद्य तेल की घरेलू खपत लगभग 240 लाख टन के स्तर को छू गई है जो बढ़ती आबादी और प्रति व्यक्ति आय के साथ और बढ़ने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में लगभग 100 लाख टन खाद्य तेल का उत्पादन करता है। खाद्य तेलों की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर लगभग 140 लाख टन है और इसे आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'आयातित खाद्य तेल पर निर्भरता चिंता का विषय है और इस चुनौती से निपटने के लिए भारत को महत्वपूर्ण सरसों सहित तिलहनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के तरीकों पर गंभीर रूप से गौर करने की जरूरत है।' .

झुनझुनवाला ने कहा कि सरकार को यह भी प्रयास करना चाहिए कि किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिले ताकि वे खेती के प्रति हतोत्साहित न हों। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा शुरू किए गए सरसों मिशन के तहत, सरसों के मॉडल फार्म विकसित किए जा रहे हैं, जिसमें किसानों को खेत की तैयारी, बीज तैयार करने, बुवाई प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन, उर्वरक, पौधों के विकास प्रबंधन और कटाई में मुख्य सहयोग दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 'ये मॉडल फार्म आसपास के सभी किसानों के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से, किसानों को सरसों के उत्पादन में अच्छी प्रथाओं को समझने में मदद मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च उत्पादन में मदद मिलती है।’’भाषा कुंज नोमान अजयअजय