निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी विधेयक को लेकर जानिये ये खास बातें, पीएम के पास होगा ये अधिकार

डीएन ब्यूरो

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री नीत पैनल को अधिकार होगा कि वह उन नामों पर भी विचार कर सकता है जिनका चयन कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली खोज समिति ने नहीं किया हो। संसद में हाल ही में पेश एक विधेयक में यह बात कही गई है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रधानमंत्री नीत पैनल
प्रधानमंत्री नीत पैनल


नयी दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री नीत पैनल को अधिकार होगा कि वह उन नामों पर भी विचार कर सकता है जिनका चयन कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली खोज समिति ने नहीं किया हो। संसद में हाल ही में पेश एक विधेयक में यह बात कही गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 की धारा 6 के अनुसार, खोज समिति का नेतृत्व कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें दो अन्य सदस्य भी होंगे जो सचिव स्तर से नीचे के नहीं होंगे तथा उन्हें चुनाव से जुड़े विषयों का ज्ञान और अनुभव होगा। यह खोज समिति मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति पर विचार के लिए पांच नामों को सूचीबद्ध करेगी।

प्रस्तावित कानून की धारा 8 (2) के अनुसार, चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्हें खोज समिति ने अपनी सूची में शामिल नहीं किया गया है।

विधेयक की धारा 7 (1) में कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। प्रधानमंत्री इस चयन समिति के अध्यक्ष होंगे और इसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और तीसरे सदस्य के रूप में एक कैबिनेट मंत्री होंगे जिन्हें प्रधानमंत्री मनोनीत करेंगे।

विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि जब लोकसभा में किसी दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं मिली हो तो उस स्थिति में विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता को विपक्ष के नेता के समान माना जायेगा।

विधेयक की धारा 5 के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति उन लोगों में से होगी जो भारत सरकार में सचिव स्तरीय पद पर या समान रैंक के पद पर हों।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 पिछले सप्ताह राज्यसभा में पेश किया गया था।










संबंधित समाचार