Atal Bihari Vajpayee: अटल जयंती पर जानिये पूर्व पीएम और लोकप्रिय नेता वाजपेयी से जुड़ी कुछ खास बातें

डीएन ब्यूरो

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न और लोकप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है। इस खास मौके पर पढिये पूर्व प्रधानंमत्री वाजपेयी के बारे में कुछ खास बातें

अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018)
अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018)


नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के सर्वमान्य विलक्षण नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज जन्मदिन है। भारत रत्न पूर्व पीएम वाजपेयी यदि आज जीवित होते अपना 96वां जन्मदिन मना रहे होते। भले ही भौतिक रूप में जीवित न हों लेकिन वह भारतीय राजनीति की आकाशगंगा में एक दैदीप्यमान नक्षत्र की तरह हमेशा चमकते देखे जाएंगे और लाखों लोग और नेता उनके जीवन से प्रेरणा पाते रहेंगे।

पूर्व पीएम और भारत रत्न वाजपेयी को कभी भी किसी एक सधी-साधी सीमा में कभी नहीं बांधा जा सकता। वह एक राजनेता के साथ एक पत्रकार, कवि, नीति निर्धारक, योजनाकार, प्रखर वक्ता जैसे कई गुणों से परिपूर्ण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। राजनीति में उन्हें महारत हासिल थी और वे इकलौते ऐसे नेता और व्यक्ति भी थे, जिनकी लोकप्रियात विपक्षी दलों, विरोधी पार्टियों समेत आम जन के बीच एक जैसी थी। 

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने लेकिन उनके पहले के दो कार्यकाल काफी छोटे रहे लेकिन बेहद अहम और भारतीय राजनीति में हमेशा याद किये जाने वाले रहे। पहला कार्यकाल उनका 13 दिन का तो दूसरा 13 महीने का रहा। आखिराक 1999 में वे तीसरी बार पीएम बने और इस पद पर 2004 तक रहते हुए 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। 

एक कवि पत्रकार और संघ के साधारण कार्यकर्ता के तौर पर अपना कैरियर शुरू करने वाले वाजपेयी लगातार विजय पथ पर सवार रहे और निरंतर निर्बाध रूप से आगे बढते गये। वाजपेयी ने पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त कर संसद पहुंचे। इसके बाद वे चुनावी राजनीति में लगातार छाये रहे और लगातार जीतते रहे। वे 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात से सांसद रहे। उन्होंने साल 1991 से अपने आखिरी चुनाव तक यानि 2004 तक लखनऊ लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया।

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी महज 18 साल की आयु में 1942 में स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाजपेयी 23 दिनों के लिए जेल गए। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो वाजपेयी उस दौरान कानपुर के डीएवी कॉलेज में एमए-राजनीति विज्ञान की पढ़ाई कर रहे थे।

पढ़ाई के दौरान ही युवा अटल आरएसएस के संपर्क में आए और राजनीति से जुड़ गए। 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के टिकट पर पहला चुनाव लड़े। तब वाजपेयी मात्र 33 साल के थे। 

शून्य से शिखर तक यात्रा करने वाले वाजपेयी भले ही आज हमारे बीच न हों लेकिन अपने पीछे जो वैचारिक विरासत उन्होंने छोड़ी है, वह देशवासियों ही दुनिया के लोगों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। 6 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्म अस्पताल में उनका निधन हुआ।










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