ब्याज दर को यथावत रखने के फैसले पर जानिये बोले उद्योग जगत के दिग्गज

उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उद्योग का अनुमान था कि केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 6 April 2023, 5:46 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उद्योग का अनुमान था कि केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि करेगा।

उद्योग जगत ने इसे वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में दबाव से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बीच एक विवेकपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इससे ऋण लागत में वृद्धि पर अंकुश लगेगा जिससे धारणा में सुधार होगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा कि हम केंद्रीय बैंक के इस आकलन से सहमत हैं कि पूर्व में दरों में हुई वृद्धि के बैंकिंग प्रणाली पर प्रभाव को देखना चाहिए। अभी ब्याज दरें और बढ़ाकर मांग को प्रभावित नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हालांकि घरेलू मांग में तेजी बनी हुई है, लेकिन वैश्विक बैंकिंग दबाव से परिस्थितियां प्रतिकूल हुई हैं। इसलिए केंद्रीय बैंक के लिए अपने रुख में सतर्क रहना महत्वपूर्ण था।

फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा, “बढ़ते व्यापक-आर्थिक और वित्तीय बाजारों के परिदृश्य को देखते हुए आरबीआई द्वारा नीतिगत दर रेपो में ठहराव एक स्वागतयोग्य कदम है।”

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने नीतिगत दर रेपो पर आरबीआई के ठहराव को ‘वैश्विक वित्तीय बाजारों और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के मद्देनजर विवेकपूर्ण रुख’ करार दिया।

एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वाई. विश्वनाथ गौड़ ने कहा, “नीतिगत दर रेपो में बदलाव न करने का फैसला स्वागतयोग्य है। इससे लगातार बढ़ रही ब्याज दर से परेशान ग्राहकों को कुछ राहत मिलेगी। आज के कदम ने सकारात्मक संकेत दिए हैं और इससे धारणा में सुधार हुआ है।”

पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. पवन सिंह ने कहा कि नीतिगत दर रेपो को 6.50 प्रतिशत रखने का फैसला सकारात्मक है। यह अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए भी शुभ संकेत है। आरबीआई ने मुद्रास्फीतिक दबाव और वृद्धि दोनों को अपेक्षाकृत संतुलित किया है।

पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि आरबीआई द्वारा सोच-समझकर उठाए गए कदम वैश्विक चुनौतियों और सुस्त मांग के महत्वपूर्ण मोड़ पर वृद्धि और उपभोग में मदद करेंगे।

Published : 
  • 6 April 2023, 5:46 PM IST

Related News

No related posts found.