Kerala: आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की मौत ,घर में मृत पाए

डीएन ब्यूरो

देश के कई राजनेताओं और शीर्ष नौकरशाह के खिलाफ अदालतों में भ्रष्टाचार के बहुचर्चित मुकदमे लड़ चुके सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू यहां कलामस्सेरी में अपने आवास पर मृत पाए गए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू
सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू


कोच्चि: देश के कई राजनेताओं और शीर्ष नौकरशाह के खिलाफ अदालतों में भ्रष्टाचार के बहुचर्चित मुकदमे लड़ चुके सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू यहां कलामस्सेरी में अपने आवास पर सोमवार को मृत पाए गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस के मुताबिक, पूछताछ और पोस्टमार्टम की कार्यवाही पूरी होने के बाद ही मौत की वजह सामने आ सकेगी।

बाबू ने हाल ही में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी और उनकी कंपनी 'कोचीन मिनरल्स एंड रुतिले एलटीडी' के वित्तीय लेन-देन की जांच के अनुरोध को लेकर एक सतर्कता अदालत का रुख किया था।

सतर्कता अदालत ने बाबू की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने फैसले को केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मामले में उच्च न्यायालय में आज (सोमवार को) सुनवाई होनी थी।

बाबू की ओर से पेश हुए अधिवक्ता बीए अलूर ने बताया कि उच्च न्यायालय को कार्यकर्ता की दिल का दौरा पड़ने से निधन होने की जानकारी दी गई, जिसके बाद मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई।

बाबू वह शख्स थे, जिन्होंने यहां पलारिवात्तोम में एक पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी।










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