कार्ति चिदंबरम ने कहा डेटा संरक्षण विधेयक को संसदीय समिति की मंजूरी नहीं मिली, मंत्री का दावा असत्य

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह दावा असत्य है कि संसद की स्थायी समिति ने ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2022’ के मसौदे पर सहमति जताई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम


नयी दिल्ली: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह दावा असत्य है कि संसद की स्थायी समिति ने ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2022’ के मसौदे पर सहमति जताई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि संसद की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने गत दिसंबर महीने में इस विधेयक पर शुरुआती चर्चा भर की।

इस समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने बृहस्पतिवार की रात ट्वीट किया, ‘‘वैष्णव ने कहा है कि संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस समिति के सदस्य के तौर पर, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि विधेयक को मंजूरी नहीं दी गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक का मसौदा बीते साल नवंबर में लोगों की राय के लिए जारी किया गया था। दिसंबर महीने में नागरिकों की निजता और डेटा सुरक्षा पर चर्चा के दौरान समिति ने विधेयक के मसौदे पर शुरुआती चर्चा की थी। सदस्यों ने मसौदे को लेकर कई मुद्दे उठाए थे।’’

लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘संसदीय प्रक्रिया के तहत, सदन में विधेयक पेश होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति विधेयक को पड़ताल के लिए समिति के पास भेजते हैं। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को औपचारिक रूप से समिति के पास नहीं भेजा गया है। ऐसे में मंत्री ने जो दावा किया है, वो असत्य है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इस स्थायी समिति के पूर्व प्रमुख शशि थरूर ने कहा है कि इस विधेयक को मंजूर किए जाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को मुंबई में कहा कि संसद की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने इस विधेयक के मसौदे पर सहमति जताई है।

वैष्णव ने कहा कि सूचना संरक्षण पर संशोधित विधेयक की प्रति समिति के साथ साझा की गई थी।










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