कानपुर के चर्चित संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड की जांच में नया मोड़, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

कानपुर के बर्रा में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने वाले संजीत यादव के अपहरण और हत्या से जुड़े मामले में यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। डाइनामाइट न्यूज लेकर आया है इस मामले पर ताजा अपडेट..

Updated : 2 August 2020, 1:41 PM IST
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लखनऊ: कानपुर के चर्चित संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड की जांच अब सीबीआई द्वारा की जायेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को मंजूर कर लिया है। मृतक संजीत यादव के परिजनों ने इस केस को लेकर गत दिनों सीएम योगी से साबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है। 

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कानपुर के बर्रा में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने वाले संजीत यादव (28) का उसके ही दोस्तों ने 22 जून अपहरण कर लिया था। संजीत को छुड़ाने के लिये 30 लाख की फिरौती मांगी गयी थी। पीड़ित परिवार वालों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को संजीत के लापता होने की तहरीर दी थी। इसके बाद पुलिस को फिरौती के लिये फोन आने की जानकारी भी दी गयी। पुलिस के कहने पर परिवार वालों ने 13 जुलाई को अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती भी दी लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और संजीत का कोई पता न चल सका।

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मीडिया में मामला सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इस मामले पर तेजी से काम किया। मामले का खुलासा एक खौफनाक कहानी के साथ हुआ। पुलिस को पता चला कि अपहणकर्ताओं ने 26 जून को ही संजीत यादव की हत्या कर दी थी और उसका शव पांडु नदी में फेंक दिया था। संजीत के भागने की कोशिश के चलते अपराधियों ने ऐसा किया। परिजनों ने पुलिस के कहने पर अपह्रताओं को फिरौती भी दी थी। 

अपहरण व हत्या के इस मामले में कानपुर पुलिस की बेहद किरकिरी हुई। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता तथा सीओ बर्रा मनोज गुप्ता समेत दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
 

Published : 
  • 2 August 2020, 1:41 PM IST

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