भारतीय संस्कृति को निभाते हुए कानपुर IIT ने 50 वें दीक्षांत समारोह का किया आगाज़

डीएन संवाददाता

कानपुर आईआईटी का दो दिवसीय 50 वां दीक्षा समारोह गुरूवार से शुरू हुआ। इस दीक्षांत समारोह में इस बार 160 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी।

कानपुर आईआईटी का 50 वां दीक्षा समारोह
कानपुर आईआईटी का 50 वां दीक्षा समारोह


कानपुर: वेस्टर्न कल्चर और अंग्रेजों की परम्परा छोड़ कानपुर आईआईटी ने आज गुरुवार को भारतीय परम्परा को निभाते हुए अपने 50वें दीक्षांत समारोह का आगाज किया। आपको बता दें कि ये दीक्षांत समारोह 15 से 16 जून तक चलेगा। जिसमें छात्र-छात्राओं को उपाधि देकर सम्मानित किया जाएगा। आज के ऐतिहासिक दिन के 50वें दीक्षांत समारोह में टाटा ग्रुप के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

भारतीय परिधान में दिखे छात्र और छात्राएं

हर बार आईआईटी में अक्सर काले गाउन में छात्र-छात्राओं को उपाधि दी जाती थी लेकिन इस बार 50 वें दीक्षांत समारोह के इतिहास में पहली बार आईआईटी ने भारतीय परम्परा को अपनाते हुए छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। यहां आज पहली बार काले गाउन को छोड़कर देसी अंदाज में कुर्ता पायजामा और भगवा गमछे में छात्र-छात्राओं को उनकी बीटेक, एमटेक, पीएचडी समेत अन्य डिग्रियां दी गई। इस खुशी में स्टूडेंट्स के माता-पिता भी शामिल रहे। जिनके चेहरे पर अपने बच्चों की सफलता की खुशी साफ झलक रही थी। सभी स्टूडेंट्स ने ग्रुप्स फ़ोटो खिंचवाई और अपने माता पिता के साथ इन पलों को कैमरे में कैद किया। डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने आईआईटी पहुंचकर छात्रों से बातचीत भी की। जिनका साफ कहना है कि कानपुर आईआईटी पढ़ाई के लिए सबसे बेस्ट आईआईटी है। यहां की फैकल्टी और एकेडमिक बहुत ही बढ़िया है। स्टूडेंट्स के लिए ये बेस्ट संस्थान है, यहां के प्रोफेसर काफी हेल्पफुल हैं।

कानपुर आईआईटी के 50वें दीक्षांत समारोह में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक के स्टूडेंट संसित पटनायक को प्रेसीडेंट गोल्ड मैडल से नवाजा गया। वही सात अन्य छात्रों को भी गोल्ड मैडल दिए गए। इसके अलावा 1754 आईआईटियन्स को डिग्री दी गई। इसमें स्नातक के 809 और परास्नातक के 945 छात्र है।

क्या कहना है टाटा ग्रुप के चेयरमैन का

टाटा ग्रुप के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने इस दीक्षांत समारोह  को यादगार समारोह बताया। साथ ही मोदी सरकार में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दिये जाने समेत देश में ही आईआईटियन्स को अच्छी जाब उपलब्ध कराने की बात कही। इस बार रिकॉर्ड तोड़ 160 छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी जाएगी जो कि आईआईटी कानपुर के इतिहास में पहली बार होगा। 










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