Kanpur Encounter: विकास दुबे को पुलिस विभाग से ही मिली थी मुखबिरी? संदिग्ध SO से STF की पूछताछ, लगेगा NSA

डीएन ब्यूरो

कानपुर एनकाउंटर में यूपी पुलिस के 8 जाबांजों को मौत के घाट उतारने के मास्टरमाइंड मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे को पुलिस की दबिश की जानकारी पहले ही मिल गयी थी। ऐसे में साफ है कि विभाग के अंदर ही बड़ा 'छेद' था। पढ़िये, डाइनामाइट न्यूज़ पर इस मामले का ताजा अपडेट..

बिकरु गांव में अपराधी विकास दुबे के घर को जाने वाली गली
बिकरु गांव में अपराधी विकास दुबे के घर को जाने वाली गली


कानपुर: चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में हुई घटना के तौर-तरीकों को लेकर बड़े सवाल उठाये जा रहे है। योजनाबद्ध तरीके से पुलिस टीम पर की गयी फायरिंग से इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि पुलिस विभाग के अंदर ही कुख्यात अपराधी विकास दुबे का कोई अपना ‘खास आदमी’ मौजूद था, जिसने इस हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की दबिश दिये जाने की सूचना पहले ही दे दी थी। 

पुलिस विभाग के अंदर से ही यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे को सूचना देने के मामले में यूपी एसटीएफ द्वारा एक संदिग्ध विनय तिवारी नामक एसओ से पूछताछ की जा रही है। 

बिकरू गांव में मौजूद डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक यूपी एसटीएफ द्वारा संदिग्ध विनय तिवारी से बीती रात को पूछताछ की गयी, जो अब भी जारी है। हालांकि पुलिस विभाग और खुद यूपी एसटीएफ द्वारा इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है लेकिन इस बात के कयास पूरे विभाग में लगाये जा रहे हैं कि विभाग के अंदर से ही विकास दुबे के लिये किसी ने जरूर मुखबिरी की और इसी सूचना के आधार पर वह योजनाबद्ध तरीके से पुलिस टीम हमला करने में सफल रहा। इसी सूचना के आधार पर अपराधी ने जेसीबी मशीन लगाकर पुलिस टीम का रास्ता रोकने की योजना बनायी।

इस एनकाउंटर के बाद विकास दुबे यूपी का मोस्ट वांडेट अपराधी घोषित कर दिया गया है। यूपी पुलिस ने उसकी सूचना देने पर 50 हजार का इनामा घोषित करने के साथ ही उस पर एनएसए लगाने की घोषणा की है।

यूपी पुलिस की विभिन्न टीमें इस कुख्यात अपराधी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने में जुटी हुई है।        
 










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